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साहित्य सृजन के 37वें अंक का जयंती समारोह में विमोचन

देशभक्ति की क्रांति लाने वाले महामानव स्वामी विवेकानंद के विचारों को करना होगा आत्मसात सहरसा मुख्यालय : स्वामी विवेकानंद की जयंती पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने मंगलवार को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया.विद्यापति नगर स्थित परिषद कार्यालय में डॉ जीपी शर्मा की अध्यक्षता में संस्था के संयुक्त महासचिव श्यामानंद लाल दास ने दीप जला जयंती […]

देशभक्ति की क्रांति लाने वाले महामानव स्वामी विवेकानंद के विचारों को करना होगा आत्मसात

सहरसा मुख्यालय : स्वामी विवेकानंद की जयंती पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने मंगलवार को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया.विद्यापति नगर स्थित परिषद कार्यालय में डॉ जीपी शर्मा की अध्यक्षता में संस्था के संयुक्त महासचिव श्यामानंद लाल दास ने दीप जला जयंती समारोह का उद्घाटन करते कहा कि अपने महान विचारों से देश् में देशभक्ति की क्रांति लाने वाले महामानव स्वामी विवेकानंद को आत्मसात करना ही होगा.

गुरु के प्रति समर्पण, मानवता, सामाजिकता व धार्मिकता के समग्र रूप विवेकानंद युवाओं को सही दिशा दिखाने वाले एकमात्र चरित्र हैं. उन्होंने कहा कि 1893 में अमेरिका के शिकागो में हिंदी भाषा में भाषण देकर भारत के राष्ट्रभाषा को सम्मानित कराने वाले पहले व्यक्ति विवेकानंद ही थे. डॉ मुरारी सिंह ने कहा कि विवेकानंद आध्यात्मिक होते हुए भी पूरी तरह से प्रायोगिक व्यक्तित्व थे.
भूपेश चंद्र झा ने कहा कि विज्ञान का स्वरूप वैदिक व आध्यात्मिक हो जाये. लेकिन धर्म का कभी नाश नहीं हो सकता. जयंती समारोह को चंद्रशेखर पोद्दार, सियाराम मयंक, ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर साहित्य सृजन के 37वें अंक का भी विमोचन व लोकार्पण किया गया. दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी भी आयोजित हुई.
मौके पर थे मौजूद
कार्यक्रम में साहित्यकार एमजेड खां झंझट, ई रामेश्वर ठाुरि, अवधेश कुमार झा, डॉ मुरारी सिंह, मुर्तजा नरियारवी, सियाराम मयंक, कृष्ण कुमार क्रांति व अन्य मौजूद थे.

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