कह रहे लोग, पुत्र हो न हो, पुत्री हो तो रानी जैसी
सत्तर कटैया : मां के निधन की सूचना पाकर भी महज 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुपौल से पुत्र व पति के नहीं आने पर बेटी रानी ने मां को मुखाग्नि देकर इतिहास रचा था. इधर, समय के साथ वह वैदिक रीति-रिवाजों के तहत श्राद्धकर्म संपन्न करा रही है. संस्कार कराते देख गांव सहित आसपास के लोग बेटी पर गर्व कर रहे हैं.
रानी को प्रेरक बता घर-घर उसकी कहानी कही जा रही है. कहते हैं, पुत्र हो न हो. पुत्री हो तो रानी जैसी. शनिवार को पुरोहितों के सानिध्य में रानी ने विधि-विधान से अपनी मां का श्राद्धकर्म कराया. इससे पूर्व शुक्रवार को नख-बाल के कर्म संपन्न हुए. जबकि रविवार को संस्कार का अंतिम कर्म संपीडन सहित पिंडदान का विधान पूरी करने की तैयारी चल रही है. ज्ञात हो कि बीते 30 दिसंबर को बेटी रानी के पास रह रही मां गुलाब देवी का निधन हो जाने के बाद सुपौल में उसके पति व पुत्र को सूचना भेजी गयी,
लेकिन दोनों में से किसी ने आने से इनकार कर दिया. दूसरे दिन भी उनके आने का इंतजार किया गया. लेकिन जब वे नहीं आए तो बेटी रानी ने ही मां को मुखाग्नि देने सहित कर्म करने का बीड़ा उठाया.