अगले वर्ष नेहा की शादी करने का था सपना
सत्तर कटैया: क्या पता कि कब किसके सपने पर पानी फिर जायेगा. औरंगाबाद नक्सली हमला में मारे गये शहीद सैप जवान मधुकांत झा अपनी पुत्री के शादी की तैयारी करने में जुटे थे. दस दिन पहले ही पंचगछिया से यह कह कर नौकरी पर गये थे कि अगले वर्ष बेटी नेहा की शादी करनी है. उन्होंने दिसंबर के अंतिम तक शादी से संबंधित सभी तैयारी पूरी कर लेने का मूड बना लिया था.
घर पर वह यह बोल कर गये थे कि अगली बार आने के बाद नेहा की शादी धूमधाम से करेंगे, लेकिन ईश्वर को यह मंजूर नहीं था.
बेसुध थी पत्नी व माता
शव पहुंचने के 16 घंटे बाद शहीद जवान मधुकांत झा का पूरा परिवार बेसुध अवस्था में भोपाल से पंचगछिया पहुंचा. पत्नी मोती देवी को पति के शहीद हो जाने की खबर पटना पहुंचने पर मिली. इससे पहले मां बीमार होने की जानकारी देकर पूरे परिवार को पटना लाया गया, लेकिन पटना पहुंचते ही उन्हें यह आभास हो गया कि शायद मेरे पति भी औरंगाबाद नक्सली हमला में मारे गये है. तब से बेहोश हो गयी. गाड़ी से उन्हें बेहोशी की अवस्था में ही उतारा गया. पति का मुंह देखने के लिए भी होश नहीं आया. पुत्री नेहा लोगों की भीड़ देख कर रोते-रोते बेहोश हो जाती थी.