सहरसा मुख्यालय : वैसे तो पूरे शहर के नालों की स्थिति अत्यंत खराब है, जो नप के अधिकारी व उस वार्ड के पार्षद की अकर्मण्यता को सामान्य रूप से सार्वजनिक करता है, लेकिन जब नगर सरकार के सभापति के वार्ड की भी वही दशा हो तो कोई क्या कहेगा. संभवत: यही कारण है कि अन्य किसी वार्ड के पार्षद अपने वार्ड के नालों की दशा सुधारने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं.
यहां तक कि सभापति के वार्ड से सटे वार्डों पर भी उनके पड़ोस में होने का कोई असर नहीं होता है. आश्चर्य तो यह भी है कि जिस वार्ड में नगर परिषद का कार्यालय स्थित है. उस वार्ड के नाले की दशा तक सुधारने की जिम्मेवारी लेने वाला कोई नहीं है.