सहरसा : मुख्यालयनगर परिषद का गठन लोगों को सुविधा पहुंचाने के लिए हुआ है. लेकिन सहरसा शहर में यह संस्था पूरी तरह मृतप्राय बनी हुई है. मुहल्लों में नालों की स्थिति पर नजर दी जाए तो ऐसा ही लगता है कि यहां दशकों से नाले में कुदाल नहीं डाले गए हैं. नाले का पानी सड़कों पर बह रहा है तो लोगों के घरों में भी प्रवेश करता जा रहा है.
लेकिन नप प्रशासन बेफिक्र चैन से बिल दर बिल पास कराये जा रही है. वार्ड से चुने गए जनप्रतिनिधि भी लोगों की इस समस्या से निजात दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं. लोगों का जीवन नरक बनता जा रहा है. थक हार कर सक्षम लोगों ने नालों के ओवरफ्लो हो रहे पानी से बचने के लिए अपने स्तर से काम शुरू कर दिया है.
लेकिन अक्षम अभी भी उसी पानी को लांघ कर आने और जाने को मजबूर हैं. अभी सूखे महीने में यह हाल है तो बारिश के दिनों का अंदाजा लगाया जा सकता है. वार्ड नंबर सात व 21: नरक यहीं हैवार्ड नंबर सात का उत्तरी हिस्सा व वार्ड नंबर 21 का दक्षिणी छोर गांधी पथ (कलाली रोड) को छूता है. दहलान रोड व धर्मशाला रोड से आने वाले नालों का बहाव गांधी पथ के इसी इलाके के दोनों ओर नाले में प्रवेश करता है. बस, उसी मुहाने से नरक का द्वार खुल जाता है.
दहलान चौक से अशोक सिनेमा की ओर जाने वाली पूरी सड़क पर सालों भर नाले का गंदा पानी फै ला नजर आ जाएगा. ऐसा लगता है कि इन नालों में दशकों से कुदाल नहीं डाले गए है. नालों पर टूटे-फु टे ढ़क्कन तो हैं. लेकिन इन ढ़क्कन को हटाकर कभी साफ किया गया नहीं लगता है. कचरे व गाद भरे-पड़े दिख जाते हैं.
अशोक सिनेमा के पास तो स्थिति और भी भयावह दिखती है. जहां सड़क, नाले और कचरों में कोई अंतर ही मालूम नहीं होता है. फोटो- नाला 1- कलाली रोड में नाले से सड़क पर बहता पानी अशोक सिनेमा के गेट पर कूड़ों से भरा नालावार्ड नं 8 व 10: जनप्रतिनिधि पर भरोसा नहींगांधी पथ का यह इलाका दशकों से नरक बना हुआ है.
वार्ड नंबर आठ, इक्कीस व दस से होकर गुजरने वाले इस पुराने इलाके में घर व नालों में फर्क पूरी तरह मिट चुका है. दहलान रोड, धर्मशाला रोड, कलाली रोड, अशोक सिनेमा रोड का गंदा पानी इसी नाले से होकर एबीएन हॉल के पीछे गिरता है. लोगों को अपने घरों में प्रवेश करना दूभर हो गया है. वार्ड कमिश्नर व नगर परिषद के अधिकारी को सैकड़ों बार कहने के बाद भी नाला सफाई नहीं की जा सकी है. शुरू से अंत तक नाला कचरों से अंटा पड़ा है.
लेकिन नालों की सफाई कोई जरूरी नहीं समझता है. परेशान लोगों ने अपने स्तर से घरों की सीढ़ियां उंची कर ली. नालों पर दो से चार ईंट जोड़वा डाला. यह सब सिर्फ इसलिए कि नालों का गंदा पानी उनके घरों में न घुसे.
फिर भी जनप्रतिनिधि व नप प्रशासन की संवेदना नहीं जग रही है. गांधी चौक पर चार नालों का मुहाना है गंदे पानी से बचाव के लिए नाले को उंचा करते लोगफोटो- नाला 5- गांधी पथ में ब्यूटी पार्लर के आगे नाला, सड़क व कचरे में फर्क खत्म