सहरसा : नगरसर्राफा बाजार के रूप में मशहूर प्रमंडलीय मुख्यालय के स्टेशन रोड व सब्जी मंडी रोड में रोजाना करोड़ों का कारोबार होता है. लेकिन इन बाजार की सड़कें पैदल चलने के भी काबिल नहीं है. उक्त जगहों से सड़क का नामोनिशान मिट चुका है. सिर्फ गड्ढे ही बाकी है.
स्थानीय व्यवसायी बताते हैं कि उनलोगों के द्वारा सरकार को सभी प्रकार के करों का भुगतान किया जाता है. इसके बावजूद सुविधा नदारद है. सोना मंडी पहुंचने की मजबूरीस्टेशन रोड में ज्वेलरी की लगभग दो दर्जन से अधिक दुकानें है. जेवरात की पुरानी मंडी होने की वजह से जिला ही नहीं सुपौल व मधेपुरा के ग्राहक भी खरीदारी के लिए इस बाजार का रुख करते हैं.
ग्राहक प्रेमचंद बताते है कि स्टेशन रोड की सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि दुकान के बाहर गाड़ी खड़ी करने में भी दिक्कत होती है.
ग्राहक चारपहिया वाहन से आते है लेकिन जर्जर सड़क की वजह से गाड़ी दूर खड़ी कर देते हैं. सब्जी लेनी है तो जानी पड़ेगीसब्जी व फलों के थोक-खुदरा मंडी के रूप में प्रमंडल के सभी जिले से दुकानदार व ग्राहक खरीदारी के लिए शहर के मध्य स्थित सब्जी मंडी पहुंचते हैं.
सब्जी मंडी के सड़कों की स्थिति इस कदर खराब हो चुकी है कि लोगों को खड़े रहने व पैदल चलने में भी परेशानी होती है. सड़क के मध्य में सड़ी हुई सब्जियां व कीचड़ का ढेर हमेशा लगा रहता है. दुर्घटना तो होती रहती हैस्टेशन रोड की जर्जर सड़क होने की वजह से दिन-रात दुर्घटना होती रहती है. बाइक व रिक्शा सवार ज्यादा शिकार हो रहे हैं.
ज्ञात हो कि शहर के पश्चिमी भाग में रहने वाले लोगों के लिए स्टेशन जाने का मुख्य रास्ता होने की वजह से रोजाना हजारों लोग इस सड़क से गुजरते हैं. खासकर रात के अंधेरे में रिक्शा चालक सड़क की जर्जरता बता किराया भी डबल मांगते हैं. उदासीन विभाग,उदासीन सरकारसड़क निर्माण विभाग हो या सरकारी महकमा सभी स्टेशन रोड की सड़क की दुर्दशा की अनदेखी कर रहे हैं.
स्थानीय लोग बताते हैं कि शहर में प्रवेश करने वाले लोग स्टेशन रोड में पहुंचते ही वाहन में हिचकोले खाने लगते हैं. बीमार मरीजों को इस रास्ते से गुजरने में परेशानी होती है. – स्टेशन रोड की जर्जर सड़क व सब्जी मंडी में ठेला ले जाते लोग