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कैंसर के बढ़ते खतरे से सचेत हों कोसी वासी : डॉ वीपी सिंह

कैंसर के बढ़ते खतरे से सचेत हों कोसी वासी : डॉ वीपी सिंह गर्दन से ऊपर के भागों में कोसी में तेजी से फैल रहा कैंसरमहिलाओं में यूटरस व ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ रहा प्रभावसहरसा कैंसर के बढ़ते खतरे से कोसी वासियों को सचेत रहना होगा, स्टेज थ्री और फोर के बाद ही मरीज सजग […]

कैंसर के बढ़ते खतरे से सचेत हों कोसी वासी : डॉ वीपी सिंह गर्दन से ऊपर के भागों में कोसी में तेजी से फैल रहा कैंसरमहिलाओं में यूटरस व ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ रहा प्रभावसहरसा कैंसर के बढ़ते खतरे से कोसी वासियों को सचेत रहना होगा, स्टेज थ्री और फोर के बाद ही मरीज सजग हो रहे हैं. बेसिकॉन-2015 में पटना से आये कैंसर सर्जन एवं विशेषज्ञ डॉ वीपी सिंह ने इस आसन्न खतरे पर विस्तार से बताया. उन्होंने सत्यम् हॉस्पिटल में चल रहे लेप्रोस्कोपिक कार्यशाला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गर्दन से ऊपर के भाग में कैंसर का बढ़ना ज्यादा चिंताजनक है. कैंसर के मरीजों में लगभग 40 से 50 प्रतिशत गले के उपर के कैंसर से ग्रसित होते हैं. जबकि कोसी में इसकी संख्या 50 से 60 प्रतिशत है. पुरुषों में मुंह एवं गला के भागों में ज्यादातर केस सामने आ रहे हैं. जिसका सबसे बड़ा कारण तंबाकू व उससे जनित उत्पादों का प्रयोग करना है. वहीं महिलाओं में बच्चेदानी अर्थात यूटरस में कैंसर के लक्षण 40 प्रतिशत तक पाये जाते हैं. ब्रेस्ट कैंसर में यह आंकड़ा 15 से 20 प्रतिशत तक देखा गया है. डॉ सिंह ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार बिहार में कैंसर मरीजों की संख्या पांच लाख के आसपास है. यदि 20 प्रतिशत भी कोसी क्षेत्र से आते हैं तो उसकी संख्या एक लाख के आसपास होगी. इसके पीछे प्रदूषण बड़ी वजह है. जल, वायु और मिट्टी तीनों ही विभिन्न कारणों से प्रदूषित हो रहे हैं. इसके साथ ही तम्बाकू का किसी न किसी स्वरूप में कोसी के इस भूभाग में धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है. वयस्कों की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या तंबाकू का सेवन किसी न किसी रूप में कर रही है. प्रथम एवं द्वितीय स्टेज में कैंसर से निजात पाने की संभावना मौजूद रहती है, लेकिन तीसरे एवं चौथे स्टेज में जीने की लौ धीमी पड़ जाती है. डॉ वीपी सिंह मूलत: गया के रहने वाले हैं, जिन्होंने टाटा मेमोरियल एवं महावीर कैंसर संस्थान में भी अपना सक्रिय योगदान दिया है. डॉ सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वर्ष 2020 तक यह लगभग महामारी जैसा रूप धारण कर लेगी. क्योंकि वर्तमान आंकड़ों के अनुसार औरतों में प्रत्येक 10 में से एक औरत को स्तन कैंसर से जूझना पड़ेगा. लाइफ स्टाइल, नशाखोरी एवं प्राकृतिक विषमताओं से कैंसर जैसा दानव तेजी से फैल रहा है, जिसमें रिसर्च, पूर्व जागरूकता और पहचान के साथ ही इलाज आवश्यक है. क्या है लक्षण —- सतर्क रहें, मुंह में पड़ने वाले छाले से- लाल, काला व उजला धब्बा अगर एक महीने से ज्यादा समय से हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.- अल्सर, घाव, रक्तश्राव महीने भर से हो तो संपर्क करें- मुंह से एकाएक दुर्गंध आना- आवाज का एकाएक बदल जाना- सांस में बार-बार रूकावट आनाफोटो- डॉ वीपी सिंह 8———————–बेसिकॉन में विभिन्न स्टॉलों का हुआ उद्घाटन सहरसा. 35 वें बेसिकॉन में विभिन्न दवाइयों सहित अन्य कंपनियों का स्टॉल भी लगाया गया है. जिसका उद्घाटन स्वास्थ्य उपनिदेशक शशि रानी एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मोती वर्मा ने किया. इन स्टॉलों के जरिये विभिन्न मेडिकल एजेंसी एवं कंपनियां अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस कांफ्रेंस में स्टील की कंपनी सहित ट्रैवेल एजेंसी भी है, जो 36 वें बायोकॉन का सिंगापुर में होने वाले कार्यक्रम की ट्रैवेल पार्टनर है. इन स्टॉलों एवं दवा कंपनियों में मुख्य रूप से एलकेम, गल्फा, जुवेनटील, एरिस्टो, श्रीनिवास, एविता लेबोरेट्री, बायोटेक हेल्थ केयर, बेब बायोटेक, एवोट हेल्थ केयर, एनएन फार्मा, मेयर, लूपिन, लोटस सर्जिकल, टोरंट, बायोकेम सहित अन्य हैं.

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