सहरसा : मुख्यालयडीएम साहब, सहरसा की नगर सरकार बेकार है. न तो इस सरकार की विधायिका ही ठीक है और न कार्यपालिका ही किसी काम की है. नगर परिषद यहां के नागरिकों को कोई भी सुविधा दिलाने में नाकामयाब ही रही है. लोक आस्था के महापर्व में भी इसका गैर जिम्मेदाराना रवैया लोगों की समझ से परे है.
सिर्फ शहर की मुख्य सड़कों पर झाड़ू लगवा अपने कर्तव्य की इतिश्री समझने वाली यह सरकार न तो कचरों के उठाव और न ही नालों की सफाई पर ध्यान दे रही है. लिहाजा लगभग सभी नाले कचरों से भरे पड़े हैं और नाले का गंदा पानी ओवरफ्लो कर सड़कों पर फैल रहा है. कई इलाके में यह पानी लोगों के घरों में भी प्रवेश कर रहा है. नियम निष्ठा के महापर्व छठ में भी इस गंदे पानी को लांघ कर आने-जाने की समस्या बनी हुई है.
गांधी पथ : नाला से घर-घर मुसीबततीन वर्षों के लंबे संघर्ष व कई आंदोलनों के बाद गांधी पथ के निर्माण हो जाने से लोगों की यातायात संबंधी परेशानी समाप्त हो गयी. लेकिन नप के ढ़ीले रवैये से अब नाला घर-घर मुसीबत पैदा कर रही है. सड़क के उंचा होने से नाले का स्तर नीचा हो गया है.
सफाई नहीं होने के कारण वह कीचड़ व कचरों से अटा पड़ा है. लिहाजा पानी को आगे का रास्ता दिखाने में वह पूरी तरह अक्षम है. नाले का पानी ओवरफ्लो कर सड़क व लोगों के घरों के बीच फै लता रहता है. यहां सड़क के दोनों किनारे स्थित दुकान व घरों में प्रवेश करने में काफी परेशानी होती है.
यहां दर्जनों जगह लोगों को सड़क व दुकान के बीच चचरी का पुल बनाना पड़ा है. नप की अकर्मण्यता का नमूना यह है कि बजरंग बली मंदिर के पास सूर्या अस्पताल के निकासी का मुहाना महीनों से जाम है. नप उस जाम को साफ नहीं कराता है.
लिहाजा नाले के ओवरफ्लो की समस्या बनी रहती है और यहां के नागरिक नाले के पानी में चलने को बेबस बने रहते हैं. मुहल्लेवासियों द्वारा नप से बार-बार शिकायत करने पर भी वह कोई कदम नहीं उठा रहा रहा है. फोटो- गांधी पथ 1- सड़क से उतर घर में प्रवेश करने के लिए बनाया चचरी फोटो- गांधी पथ 2- नाले का यही मुहाना वर्षों से है जाम