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अब क्षेत्र का चेहरा बदलने की है उम्मीद

अब क्षेत्र का चेहरा बदलने की है उम्मीद 23 वर्षों से गोदाम में चल रहा है अनुमंडल कार्यालय व न्यायालय22 सितंबर 1992 को मिला था अनुमंडल का दर्जा क्षेत्र में लगा है समस्याओं का अंबार, ध्यान दें नये विधायक जीनिरंजन कुमार / सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव दर चुनाव होता रहा, जनप्रतिनिधि बदलते रहे, […]

अब क्षेत्र का चेहरा बदलने की है उम्मीद 23 वर्षों से गोदाम में चल रहा है अनुमंडल कार्यालय व न्यायालय22 सितंबर 1992 को मिला था अनुमंडल का दर्जा क्षेत्र में लगा है समस्याओं का अंबार, ध्यान दें नये विधायक जीनिरंजन कुमार / सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव दर चुनाव होता रहा, जनप्रतिनिधि बदलते रहे, लेकिन क्षेत्र का चेहरा नहीं बदला. विधानसभा क्षेत्र के सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ में प्रशासनिक अनियमितता चरम पर है. वहीं क्षेत्र में समस्याओं का अंबार लगा है. सिमरी बख्तियारपुर को 22 सितंबर 1992 को अनुमंडल का दर्जा मिला. तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने उद्घाटन भाषण में कहा था कि अनुमंडल से संबंधित सभी कार्यालय जल्द ही खोले जायेंगे. लेकिन 23 वर्ष बीतने को है. अनुमंडल कार्यालय बनना तो दूर जमीन अधिग्रहण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है. जिस कारण अनुमंडल कार्यालय व न्यायालय गोदाम में चल रहा है. क्षेत्र में जल जमाव प्रमुख समस्या है. इस कारण सालों भर हजारों एकड़ जमीन पानी में डूबी रहती है. अब तक जल निकासी के लिए सार्थक प्रयास नहीं किया गया है. क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या मुंह बाये खड़ी है. क्षेत्र के हजारों लोग दिल्ली, पंजाब, गुजरात, बंगाल, असम सहित देश के कई हिस्सों में रोजगार के लिए हर वर्ष पलायन करते हैं. 5 करोड़ की लागत से 100 शैय्या वाला भव्य अनुमंडल अस्पताल तो बनाया गया लेकिन अनुमंडल अस्पताल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को ही समाहित कर खानापूर्त्ति कर दी गयी है. डॉक्टर भी नदारद रहते हैं, बेहतर इलाज के लिए आज भी लोगों को सहरसा, बेगुसराय या पटना जाना पड़ता है. पीएससी भवन में व्यवहार न्यायालय अपने उद्घाटन का इंतजार कर रहा है. वहीं निबंधन कार्यालय व नगर पंचायत कार्यालय भी अन्य अंचल भवनों में चलाए जा रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज नहीं होने से यहां के छात्रों को जिले व अन्य जिलों में जाना पड़ रहा है. इस विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ 107 स्वीकृत होने के बावजूद अधूरा पड़ा है. सिमरी बख्तियारपुर एवं सलखुआ बाजार में नाला नहीं रहने से पानी का जमाव सड़कों पर ही रहता है. अनुमंडल मुख्यालय सहित क्षेत्र के सभी बाजार अतिक्रमणकारियों की चपेट में है. क्षेत्र में शिक्षा एवं विद्यालय की स्थिति भी दयनीय है. विद्यालयों में शिक्षकों की कमी रहने के बावजूद अधिकांश शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं. विधानसभा क्षेत्र के 12 पंचायत में तटबंध के अंदर रहने वाले ग्रामीण आज भी मुश्किल भरी जिन्दगी जी रहे हैं. तबियत खराब होने पर खाट ही इनका एम्बुलेंस होता है. नदी पार करने और अस्पताल पहुंचने तक खाट एंबुलेंस पर सवार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. अब चुनाव परिणाम आ गया है. राजनीतिक क्षेत्र में विकास पुत्र की संज्ञा पाये दिनेश चंद्र यादव को लोगों ने विधायक चुना है. ऐसे में क्षेत्र के कायाकल्प होने की उनसे उम्मीदें भी बढ़ गयी हैं. दो बार हारने के बाद विधायक बने थे दिनेशसिमरी बख्तियारपुरविधानसभा चुनाव की मतगणना शुरु होने के साथ ज्यों-ज्यों रुझान महागठबंधन के पक्ष में आने की सूचना मिलती रही, कार्यकर्ताओं के चेहरे पर उमंग बढ़ने लगी. सिमरी बख्तियारपुर से जदयू प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव की लगातार बढ़ती बढ़त को देखते हुए एक ओर जहां महागठबंधन कार्यकर्त्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गयी. वहीं लोजपा प्रत्याशी युसुफ सलाउद्दीन के ड्योढ़ी स्थित आवास पर रुझान को देखते हुए कार्यकर्त्ताओं में मायूसी छा गयी. देखते ही देखते कार्यकर्त्ता एक-एक कर खिसकने लगे. दोपहर होते-होते ड्योढ़ी में इक्का-दुक्का कार्यकर्त्ता ही नजर आये. शुरूआत में दो बार लगातार हारे थे दिनेशसिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विजयी प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव के 17वें विधायक के रुप में निर्वाचित होने पर बनमा ईटहरी पैतृक आवास पर परिजनों सहित ग्रामीणों ने अपने नेता की जीत पर खुशी व्यक्त की. डी सी यादव व विकास पुत्र के नाम से चर्चित दिनेश चंद्र यादव ने 80 के दशक में राजनीतिक पारी की शुरुआत की. लोक दल से 1980 में विधानसभा से प्रत्याशी के रुप में खड़े हुए. 1980-1985 में चौधरी सलाउद्दीन से लगातार दो बार हारने के बाद जनता दल के टिकट पर 1990 में पहली बार चौधरी सलाउद्दीन के पुत्र महबूब अली कैसर को हराकर विधायक बने. दिनेश चंद्र यादव दो बार सहरसा व खगडि़या लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी बने. पुन: 2005 के विधानसभा चुनाव में चौधरी महबूब अली कैसर को हराकर विधायक बने. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकार में उद्योग मंत्री बनाये गये. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में खगडि़या से सांसद चुने गये. विधायक व सांसद रहते डीसी यादव ने सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ कोसी इलाके में कई विकास कार्य किया. जिसके कारण इन्हें विकास पुत्र का नाम भी दिया गया. फैसले का सम्मान : युसुफसिमरी बख्तियारपुर. सिमरी बख्तियारपुर से निकटतक प्रतिद्वंदि रहे एनडीए गठबंधन के लोजपा प्रत्याशी युसुफ सलाउद्दीन हार से निराश तो जरूर हैं, लेकिन हतोत्साहित नहीं. उन्होंने बताया कि जनता के फैसले का मैं सम्मान करता हूं. सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में युवाओं के लिए उच्च शिक्षा, रोजगार, कुटीर उद्योग के साथ-साथ विकास के लिए मैं सदा कार्य करता रहूंगा. उन्होंने कहा कि जीत मायने जरूर रखती है, लेकिन जनता ने लगता है कि मुझे कुछ और समय दिया है, जो मैं उनके बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझ सकूं और उनके हक के लिए आवाज उठा सकूं. इस हार ने मुझे और शक्ति दी है कि मैं अपनी कमजोरियों पर काबू पा सकूं. मिठाई खिला मनाया जश्नसिमरी बख्तियारपुर. दिनेश चंद्र यादव के निर्वाचित होने पर कार्यकर्त्ताओं ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल व मिठाई खिलाकर जश्न मनाया. वहीं जमकर आतिशबाजी भी की गयी. बधाई देने वालों में नगर अध्यक्ष सीमा कुमारी गुप्ता, वार्ड पार्षद चंद्र मणि, सर्वेश कुमार, परमानंद गुप्ता, जियालाल प्रसाद यादव, राजद प्रखंड अध्यक्ष हेलाल अशरफ, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा, चन्दन, मुखिया ललन, जदयू जिला उपाध्यक्ष डॉ भागवत प्रसाद मेहता, राजेश कुमार वर्मा, संतोष कुमार सिंह सहित अन्य नेता शामिल हैं. चुनावी इतिहासवर्ष 1952 जीते – जियालाल मंडल कांग्रेस, हारे – बमभोला मंडल, सोशलिस्ट1957®जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेस हारे – रामचंद्र प्रसाद, सोशलिस्ट1962जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचंद्र प्रसाद, सोशलिस्ट1967®जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचंद्र प्रसाद, सोशलिस्ट1969®जीते – रामचंद्र प्रसाद, संसोपाहारे – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेस1972®जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचंद्र प्रसाद, संसोपा1977जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचंद्र प्रसाद, जनता पार्टी1980®जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – दिनेश चंद्र यादव, लोकदल1985®जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – दिनेश चंद्र यादव, लोकदल1990®जीते – दिनेश चंद्र यादव, जनता दलहारे – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस1995®जीते – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस®हारे – दिनेश चंद्र यादव, जनता दल2000®जीते – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस®हारे – मो जफर आलम, राजद2005®जीते – दिनेश चंद्र यादव, जदयू®हारे – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस2009®जीते – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस®हारे – डॉ अरुण कुमार यादव, जदयू2010®जीते – डॉ अरुण कुमार यादव, ®जदयूहारे – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस®2015जीते – दिनेश चंद्र यादव, जदयूहारे – युसुफ सलाउद्दीन, लोजपाफोटे – हवेली 1 व 2 – पिछले दो महीने से गुजलार रहने वाले हवेली परिसर में मतगणना के दिन दोपहर बाद हो गया बिल्कुल सन्नाटा

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