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पशु चिकत्सिालय में चिकत्सिकों का अभाव

पशु चिकित्सालय में चिकित्सकों का अभाव बनमा ईटहरी प्रखंड, सोनवर्षा प्रखंड मुख्यालय, लगमा तथा बैजनाथपुर स्थित पशु चिकित्सालय के प्रभार में प्रतिनिधि, सोनवर्षा राज अंचल क्षेत्र स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय, चिकित्सकों के अभाव में मरनासन्न स्थिति में पहुंच चुका है. इस वजह से पशुपालकों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जबकि […]

पशु चिकित्सालय में चिकित्सकों का अभाव बनमा ईटहरी प्रखंड, सोनवर्षा प्रखंड मुख्यालय, लगमा तथा बैजनाथपुर स्थित पशु चिकित्सालय के प्रभार में प्रतिनिधि, सोनवर्षा राज अंचल क्षेत्र स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय, चिकित्सकों के अभाव में मरनासन्न स्थिति में पहुंच चुका है. इस वजह से पशुपालकों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जबकि विभागीय पदाधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं. बताते चलें कि अंचल क्षेत्र के प्रखंड मुख्यालय सहित मंगुवार के नासिक टोला तथा लगमा पंचायत के उच्च विद्यालय प्रांगण को मिला कर तीन प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय कार्यरत हैं. लेकिन सिर्फ नाम के ही. क्योंकि तीनों चिकित्सालय की जिम्मेदारी सिर्फ एक प्रभारी चिकित्सक डॉ गौतम कुमार के जिम्मे है. हास्यास्पद स्थिति यह है कि डॉ गौतम कुमार एक नहीं चार-चार चिकित्सालय के प्रभारी हैं. बनमा ईटहरी प्रखंड, सोनवर्षा प्रखंड मुख्यालय, लगमा तथा बैजनाथपुर स्थित पशु चिकित्सालय के प्रभारी डॉ गौतम कुमार किस तरह चार-चार जगहों की जिम्मेवारी संभाल रहे होंगे. यह समझा जा सकता है. ऐसी हालत में क्षेत्र के पशु पालकों को अपने पशुओं का इलाज करवाने के लिए निजी चिकित्सकों की शरण में जाने के सिवाय कोई अन्य चारा नहीं है. मिली जानकारी के अनुसार अंचल क्षेत्र के मवेशियों में गाय-भैंस की संख्या लगभग 70 हजार तथा बकरा-बकरियों की संख्या लगभग 80 हजार है. ऐसे में समझा जा सकता है कि एक सरकारी चिकित्सक द्वारा पशुपालकों को कितनी मदद मिलती होगी. फोटो -पशु 4 – ताला लगा पशु चिकित्सालय.

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