सहरसा: सोमवार को विजयादशमी संपन्न होने के बाद बुधवार को देवी की प्रतिमा जल प्रवाहित की गयी. हालांकि कुछ पूजा पंडालों की मूर्तियां सोमवार को ही जल धारा में समर्पित कर दी गयी थी, लेकिन अधिकतर मंदिरों में बनायी व पूजी गयी प्रतिमाओं को बुधवार को जुलूस निकाल गाजे बाजे के साथ निकटवर्ती नदी में प्रवाहित कर दी गयी. भगवती की प्रतिमा को विदा करते समय महिला, पुरुष समेत बच्चे भी आये व उन्हें नमन कर अगले साल शीघ्र आने की कामना की. जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं ने अबीर-गुलाल उड़ाया एवं भगवती के जयकारे लगाये. प्रतिमा को जल प्रवाहित करने गये लोग भक्ति संगीत पर रास्ते भर झूमते नाचते रहे. वहीं ढोल-नगाड़े की थाप भी लगातार बजती रही. जुलूस में शामिल लोग प्रतिमा के साथ नगर भ्रमण करते व आतिशबाजी करते नदी तट तक पहुंचे. जहां विधि विधान से प्रतिमा जल प्रवाहित की गयी. मालूम हो कि नवमी और दसवीं को फेलिन के असर के कारण आंधी व बारिश ने लोगों को घर से निकलने नहीं दिया. इसी कारण अधिकांश पंडालों में एक दिन और इंतजार के बाद बुधवार को प्रतिमा का विसजर्न किया गया. दशहरा की समाप्ति पर थाना रोड, प्रशांत रोड, पंचवटी, रेलवे कॉलोनी, लोको शेड की मूर्तियां एक साथ बुधवार को विसर्जित की गयी. जबकि बड़ी दुर्गा, कचहरी, कॉलेज गेट व पुरानी जेल स्थित मंदिरों में संगमरमर की स्थायी प्रतिमा होने के कारण वहां के कलश को जल प्रवाहित कर दिया गया था. बकरीद होने के कारण प्रतिमा विसजर्न के समय पुलिस बलों द्वारा विशेष चौकसी की जा रही थी. जुलूस के साथ पूरे रास्ते पुलिस बल के जवान तैनात रहे.
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नम आंखों से दी मां को विदाई
सहरसा: सोमवार को विजयादशमी संपन्न होने के बाद बुधवार को देवी की प्रतिमा जल प्रवाहित की गयी. हालांकि कुछ पूजा पंडालों की मूर्तियां सोमवार को ही जल धारा में समर्पित कर दी गयी थी, लेकिन अधिकतर मंदिरों में बनायी व पूजी गयी प्रतिमाओं को बुधवार को जुलूस निकाल गाजे बाजे के साथ निकटवर्ती नदी में […]
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