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शनिवार को कोसी बराज से 88 हजार 585 क्यूसेक डिस्चार्ज

अभियंता मानते हैं कि जब कोसी का जलस्तर 80 हजार व 90 हजार के बीच रहता है तो कोसी कटाव करती है नवहट्टा : कोसी नदी में हो रही जलवृद्धि से पूर्वी कोसी तटबंध के 82 किलोमीटर पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है इससे अभियंताओं की बेचैनी एक बार फिर बढ़ गयी है. […]

अभियंता मानते हैं कि जब कोसी का जलस्तर 80 हजार व 90 हजार के बीच रहता है तो कोसी कटाव करती है
नवहट्टा : कोसी नदी में हो रही जलवृद्धि से पूर्वी कोसी तटबंध के 82 किलोमीटर पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है इससे अभियंताओं की बेचैनी एक बार फिर बढ़ गयी है. शनिवार को कोसी बराज से 88 हजार 585 क्यूसेक डिस्चार्ज रिकार्ड किया गया है. जो पोलिंग बढ़ने की स्थिति में है.
अभियंता मानते हैं कि जब कोसी का जलस्तर 80 हजार व 90 हजार के बीच रहता है तो कोसी कटाव करती है. इस घटते-बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पूर्वी कोसी तटबंध के 81.75 व 82 किलोमीटर के बीच नदी फिर से स्पर को निशाना बना कटाव कर सकती है.
इस आने वाले खतरे को देखते हुए अभियंताओं ने पैनी नजर तटबंध के कटाव वाली बिन्दु पर बना ली है. फिलहाल अभियंता तटबंध पर खतरा नहीं मानते और कहते हैं कि तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. मालूम हो कि पूर्वी कोसी तटबंध के 81.75 एवं 82 किलोमीटर के बीच लगतार पांच दिन मशक्कत के बाद कोसी के कटाव को रोका जा सका था. कोसी के मिजाज को जानने वाले 60 वर्षीय मोहनपुर निवासी मोहन झा बताते हैं कि कोसी कटाव करती है लेकिन अभियंता तटबंध को सुरक्षित बताते हैं.
यही स्थिति वर्ष 1984 में थी. अभियंता तटबंध को सुरक्षित बताते रहे और कोसी नदी ने नौलखा के पास तटबंध को आरपार कर तटबंध तोड़ दिया था. जिससे इस क्षेत्र के लोगों का कितना नुकसान हुआ. इसका आकलन आज तक नहीं हो पाया है.

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