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ट्रेन चलती है,पंखा नहीं

सहरसा नगर: सहरसा जंकशन से रोजाना सुपौल सहित राघोपुर के लिए खुलने वाली छह जोड़ी सवारी गाड़ी में सुखद यात्र स्थानीय यात्रियों को नसीब नहीं हो रही है. गरमी की उमस में पुरानी हो चुकी छोटी लाइन के डिब्बे तपन के बाद अंदर बैठे यात्रियों को जलाते हैं. छत में टंगा पंखा शोभा की वस्तु […]

सहरसा नगर: सहरसा जंकशन से रोजाना सुपौल सहित राघोपुर के लिए खुलने वाली छह जोड़ी सवारी गाड़ी में सुखद यात्र स्थानीय यात्रियों को नसीब नहीं हो रही है. गरमी की उमस में पुरानी हो चुकी छोटी लाइन के डिब्बे तपन के बाद अंदर बैठे यात्रियों को जलाते हैं. छत में टंगा पंखा शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. ट्रेन में सफर करने वाले यात्री पंखा लिये सफर करने को मजबूर हैं.
महिला व बच्चों को परेशानी
सहरसा से रोजाना राघोपुर जाने वाली सवारी गाड़ी में सफर करने वाले यात्री मो कलीम कहते हैं कि गरमी के मौसम में ट्रेन का पंखा खराब है, लोगों को काफी परेशानी होती है. हाथ पंखा लेकर सफर करने की मजबूरी है, लेकिन आराम नहीं मिलता है.
बैटरी नहीं रहता है चार्ज
ट्रेन में बैटरी चार्ज नहीं रहने की वजह से बोगी में पंखा नहीं चलता है. जबकि दशकों पुराने पंखे पावर मिलने के बावजूद माहौल को ठंडा करने में नाकाफी साबित हो रहे हैं. स्थानीय स्तर पर यात्री मामले की शिकायत भी करते हैं, लेकिन कोई निदान नहीं निकाला जाता है.
चलती ट्रेन में मिलती है राहत
यात्री राजा साह बताते हैं कि ट्रेन के खुलने के बाद चलने के क्रम में हवा आती है, लेकिन रुकते ही उमस परेशान करने लगती है. उन्होंने बताया कि सवारी गाड़ी होने की वजह से ट्रेन को रास्ते में घंटों रोक दिया जाता है.
पानी की किल्लत
छोटी लाइन में चलने वाली ट्रेनों में पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है. यात्रियों को पेयजल व शौचालय की समस्या से दो चार होना पड़ता है. लोग बताते हैं कि गरमी के मौसम में पानी की जरूरत ज्यादा होती है.

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