सहरसा सदर: राज्य में बेमौसम बरसात व आंधी तूफान के बाद हुई ओलावृष्टि में किसानों के रबी फसल की बरबादी की भरपाई के लिए राज्य सरकार व कृषि विभाग द्वारा आगामी खरीफ फसल की अधिक से अधिक पैदावार को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को कृषि प्रौद्योगिकी अभिकरण आत्मा द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते डीएम शशिभूषण कुमार ने कहा कि पिछले दिनों आंधी तूफान, बरसात व ओलावृष्टि में किसानों के गेहूं, मक्का सहित अन्य रबी फसल की हुई क्षति को देख सरकार हर तरह से किसानों के लिए चिंतित है.
उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार किसानों द्वारा अधिक से अधिक खरीफ फसल की पैदावार कर रबी फसल की बरबादी की भरपाई की कोशिश में है. इसके लिए उन्होंने सरकार द्वारा किसानों को अनुदान के रूप में दी जाने वाली बीज को हर हाल में 19 जून तक उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया, ताकि किसान इस लाभ का ससमय फायदा उठा कर खरीफ फसल की खेती कर सके. कार्यशाला को संबोधित करते डीडीसी हरेन्द्रनाथ दूबे ने कहा कि उन्नत खेती के जरिये खेतों में पैदावार को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक पद्धति को अपनाना होगा.
ताकि किसान कम पानी में भी श्रीविधि की तकनीक से अधिक से अधिक धान की पैदावार कर सकें. कार्यशाला को संबोधित करते संयुक्त कृषि निदेशक शंकर चौधरी ने कहा कि खरीफ फसल के लक्ष्य को हर हाल में शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए विभाग से संबंधित सभी अधिकारी, कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार की विशेष जवाबदेही है. उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर खरीफ फसल की खेती के लिए अनुदानित दर पर धान, मक्का व दलहन बीज उपलब्ध करवा दिया जाय.
जिला कृषि पदाधिकारी उमेश मंडल ने कहा कि गेहूं फसल की क्षति को पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को श्रीविधि की तकनीक से समय पर धान की खेती को अपना कर इसका फायदा उठाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने इस वर्ष पूरे जिले में श्रीविधि से धान की खेती के प्रत्यक्षण के लिए तीन हजार एकड़ में श्री विधि से धान की खेती के लिए लक्ष्य निर्धारित करने की बात कही. उन्होंने कोसी क्षेत्र के ज्यादातर बलुआही इलाके में मूंगफली की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की बात कही. इस मौके पर मंडन भारती कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य उमेश प्रसाद सिंह, सहायक निदेशक उद्यान अजीत कुमार शरण, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कमलेश कुमार, सहायक निदेशक योजना श्याम सुंदर प्रसाद राय, आत्मा के परियोजना उपनिदेशक राजेश कुमार सिन्हा, कृषि परामर्शी डॉ मनोज सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ पंकज कुमार राम, मो नदी अख्तर, विनय कुमार, आनंद चौधरी, आत्मा के पंकज सिंह, मो इरशाद अहमद सहित अन्य मौजूद थे.