शुक्रवार को राज्यरानी 4 घंटा 21 मिनट की देरी से रात 9 बजकर 06 मिनट पर सहरसा पहुंची. ट्रेन के लेट चलने से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गो व बच्चों को होती है. ज्ञात हो कि पटना से राज्यरानी के खुलने का समय दोपहर के 12:40 बजे है, जबकि सहरसा पहुंचने का समय शाम 4:40 बजे है. शाम तक घर पहुंचने की आशा संजोये लोग इसमें सफर करते हैं, लेकिन तीन से चार घंटे का विलंब सहरसा से अन्यत्र जाने वाले लोगों के लिए परेशानी होती है.
राज्यरानी से सहरसा सहित मधेपुरा, सुपौल व पूर्णिया के हजारों यात्री सफर करते हैं. जिन्हें शाम में सहरसा पहुंचने के बाद अपने घर जाने के लिए दूसरी सवारी का सहारा लेना पड़ता है. शुक्रवार की रात राज्यरानी से सफर कर लौटे बलवाहाट के राजेश ने बताया कि कभी इंटरलॉकिंग तो कभी लाइन मेंटेनेंस तो कभी अन्य कारण से राज्यरानी को लेट कर दिया जाता है. यह ट्रेन इस क्षेत्र की पहचान बनती जा रही है. ऐसे में अगर यह ऐसे लेट होती रहेगी तो यह यात्रियों की पहली पसंद नहीं हो सकती है. ज्ञात हो कि पिछले कुछ महीनों से राज्यरानी के विलंब से चलने की सूचना मिल रही है. यात्री कृष्णा कुमार, दौलत कुमार, गोपाल केशरी, हसनेन मोहसिन, आसिफ इकबाल ने बताया की रेल विभाग कम से कम सुपरफास्ट ट्रेनों को तो समय पर चलाये.