रेलवे की लिस्ट में ग्रेड ए का दर्जा प्राप्त सहरसा जंक्शन पर सी ग्रेड कीसुविधा भी उपलब्ध नहीं है. दूसरी तरफ जंक्शन पर अवैध वेंडरों नेअतिक्रमण कर कब्जा जमा लिया है.प्लेटफार्म नंबर 1 व 2 पर यात्रियों काआवागमन व ट्रेन की प्रतीक्षा करने मेंभी दिक्कत होती है. खास बात यह हैकि रेलवे के अधिकारियों द्वारानिरीक्षण करने की जानकारी अवैधवेंडरों को पहले ही मिल जाती है.
ज्ञातहो कि पूर्व में जंक्शन का जायजा लेनेआये जीएम व डीआरएम नेअतिक्रमणकारियों को हटाने की सख्तहिदायत दी थी. लेकिन अधिकारी के
आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी.
इसका खामियाजा आवंटित स्टॉल के
मालिक को उठाना पड़ रहा है. रेलवे
द्वारा निर्धारित मूल्य से ज्यादा की
वसूली ग्राहकों से की जा रही है.
राजस्व की हो रही क्षति. रेलवे को
अवैध अतिक्रमणकारियों के कारण
बड़े पैमाने पर राजस्व की क्षति भी हो
रही है. जबकि रेलवे द्वारा वार्षिक
निविदा के माध्यम से स्टॉल आवंटित
किया जाता है. प्लेटफार्म व रेलवे
परिसर में अनियंत्रित ढ़ंग से दुकानें
लगा दुकानदार मुनाफा कमा रहे हैं.
स्टेशन स्थित प्लेटफार्म पर यत्र तत्र
स्टॉल लगाये जाने की वजह से यात्री
काफी परेशान रहते हैं.
मुख्य द्वार पर भी अतिक्रमण .
अतिक्रमणकारियों का मनोबल रेलवे
परिसर में इस कदर बढ़ चुका है कि
जंक्शन के पश्चिमी मुख्य द्वार पर
वाहनों को गुजरने में परेशानी होती है.
रेलवे परिसर में अतिक्रमण कर
प्रतिबंधित सामग्रियों की बिक्री बेरोकटोक
जारी है.
अधिकारी कब लेंगे संज्ञान.
अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध
कार्रवाई नहीं होने की वजह से इसका
फैलाव लगातार बढ़ता जा रहा है.
जबकि दुकानदार स्वयं को बेरोजगार
बता सरकारी नियमों की धज्जी उड़ा
रहे है. स्थानीय लोगों का कहना है कि
रेल प्रशासन हमेशा कार्रवाई से बचते
रहती है.