रविवार को बनगांव से इलाज कराने आये सेवानिवृत्त शिक्षक हरिमोहन ठाकुर की मौत उचित देखभाल व ऑक्सीजन के अभाव में हो गयी. मृतक की पत्नी वृंदा देवी ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ जीपी गुप्ता ने मरीज को देखने के बाद नर्स आशा कुमारी को इंजेक्शन व ऑक्सीजन लगाने को कहा. लेकिन डॉक्टर के बार-बार कहने पर भी नर्स इलाज में नहीं जुटी. नतीजतन लगभग दो घंटे तक दर्द से कराहते शिक्षक की असामयिक मौत हो गयी.
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नर्स की लापरवाही से गयी शिक्षक की जान
सहरसा नगर: सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से असमय मरीजों के दम तोड़ने की घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है. रविवार को बनगांव से इलाज कराने आये सेवानिवृत्त शिक्षक हरिमोहन ठाकुर की मौत उचित देखभाल […]
सहरसा नगर: सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से असमय मरीजों के दम तोड़ने की घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है.
पति के इलाज की लगायी गुहार : अस्पताल के फर्श पर दर्द से कराहते पति को देख पत्नी मदद के लिए मौजूद नर्स के सामने बिलखती रही. मौजूद लोगों ने बताया कि महिला बार-बार नर्स आशा कुमारी के पैर पकड़ इंजेक्शन देने की गुहार लगाती रही. इसके बावजूद नर्स ने एक न सुनी. मौजूद अन्य मरीज के परिजनों ने भी नर्स से मदद करने की बात कही. लेकिन नर्स बार-बार मरीज को निजी नर्सिग होम में ले जाने का दबाव बनाती रही.
नर्स कर रही थी अभद्र व्यवहार : डॉक्टर ने बताया कि मरीज को सांस लेने मे तकलीफ हो रही थी. उसे ऑक्सीजन लगाने की आवश्यकता थी. इधर मृतक शिक्षक की पत्नी ने बताया कि ऑक्सीजन लगाने के बाबत पूछे जाने पर नर्स ने ऑक्सीजन समाप्त होने की बात कही. जबकि आपातकालीन कक्ष में ऑक्सीजन का सिलिंडर मौजूद था. परिजनों ने बताया कि मरीज की हालत अस्थिर थी, वहीं नर्स मृतक की पत्नी से अभद्र व्यवहार कर रही थी. घटना की जानकारी मिलने के बाद सदर अस्पताल पहुंचे सीएस डॉ भोला नाथ झा ने परिजनों सहित मीडिया कर्मियों से मामले की जानकारी ली.
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