सहरसा: नव वर्ष के अवसर पर शुभकामना देने के लिए पूर्व में पहली पसंद बने ग्रीटिंग्स पर मोबाइल भारी पड़ता नजर आ रहा है. पूर्व की अपेक्षा बाजार में ग्रीटिंग्स की बिक्री में भी काफी गिरावट आयी है.
पहले खासकर युवा नव वर्ष की बधाई देने के लिए ग्रीटिंग्स का उपयोग करते थे, लेकिन विभिन्न मोबाइल कंपनियों के द्वारा इन अवसरों पर भेजे जाने वाली एसएमएस व कॉल रेट में भारी छूट देने के कारण युवक व युवतियां ग्रीटिंग्स खरीदना नहीं चाहते हैं. बाजार में ग्रीटिंग्स की बिक्री में आइ गिरावट के कारण कम दुकानों में ही ग्रीटिंग्स कार्ड उपलब्ध है.
स्मार्टफोन का है जमाना
कुछ वर्ष पूर्व श्रृंगार स्टोर के अलावे किराना दुकान में भी एक से बढ़ कर एक ग्रीटिंग्स कार्ड लोगों को मिल जाता था. लोग एक माह पूर्व ही कार्ड खरीद कर अपने शुभचिंतकों को डाक के माध्यम से भेजते थे. इसमें लोगों को खर्च भी ज्यादा करना पड़ता था, लेकिन मोबाइल व स्मार्टफोन के आ जाने से लोग ग्रीटिंग्स की जगह स्मार्टफोन को ही तरजीह देने लगे हैं. वीआइपी रोड के अनुज कुमार ने कहा कि अब स्मार्टफोन का जमाना है. कम खर्च व कम समय में एक-दूसरे को शुभकामना भेजी जाती है. ग्रीटिंग्स में खर्च भी ज्यादा व समय पर पहुंचने की भी कोई गारंटी नहीं है. पूरब बाजार के मनीष झा ने कहा कि इंटरनेट युग में कार्ड भेजना मतलब अपने आप को बेवकूफ मानना है. इंटरनेट पर शुभकामना के एक से बढ़ कर एक एप्स उपलब्ध है. महिषी के चंदन पाठक ने कहा कि अब लोगों की लाइफ फास्ट हो चुकी है. लोग सभी काम फास्ट ही करना पसंद करते है. उस स्थिति में मोबाइल से बेहतर कुछ नहीं है. युवक अमित ने कहा कि बाजार में बेहतर ग्रीटिंग्स उपलब्ध नहीं रहता है. दुकानदार दोगुनी कीमत भी लेते है. इसी कारण यह लोगों की पहुंच से दूर हो रहा है.