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बिजली-कट का आम संकट जनजीवन का बन गया कंटक

पूर्णिया. : गरज के साथ छींटे के बावजूद भीषण गर्मी में बिजली कट का संकट लोगों को काफी नागवार लग रहा है. यह समस्या लगातार एक सप्ताह से है. मंगलवार की उमस भरी रात भी बिजली-कट जारी रही. नतीजतन गर्मी से बेहाल लोग रात में भी घरों से बाहर टहलते रहे. शहर के कई मोहल्लों […]

पूर्णिया. : गरज के साथ छींटे के बावजूद भीषण गर्मी में बिजली कट का संकट लोगों को काफी नागवार लग रहा है. यह समस्या लगातार एक सप्ताह से है. मंगलवार की उमस भरी रात भी बिजली-कट जारी रही. नतीजतन गर्मी से बेहाल लोग रात में भी घरों से बाहर टहलते रहे. शहर के कई मोहल्लों में तो बिजली औसतन दो से तीन घंटे गायब रही. हालांकि विभाग इसे मानने को तैयार नहीं.

इस समस्या को लेकर लोगों में आक्रोश है. यह समस्या शहरी इलाके में ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाके में भी बढ़ गयी है. शहर के भट्ठा बाजार से लेकर ततमा टोली, मधुबनी, बाड़ीहाट, गुलाबबाग, पूर्णिया सिटी, चिमनी बाजार व कनमा बाजार आदि इलाकों के कई उपभोक्ता विद्युतापूर्ति की लचर व्यवस्था को लेकर आक्रोश जताने लगे हैं.
उपभोक्ताओं का कहना है कि विभागीय अधिकारी उनका फोन ही रिसीव नहीं करते. जबकि दो दिन पूर्व ही राज्य मुख्यालय से वीडियो कांर्फेंसिंग के जरिये उच्च अधिकारियों ने उपभोक्ताओं की समस्या को लेकर कड़ी हिदायत देते हुए कहा है कि उपभोक्ताओं की शिकायत का समाधान प्राथमिकता के साथ करें. उसके बावजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों कह आदत में सुधार नहीं है. बिजली-कट से लोगों का आक्रोश शहर और देहात में एक समान है.
कहते हैं अधिकारी
जिले में पर्याप्त बिजली आपूर्ति हो रही है. बुधवार को पिक आवर में 133 मेगावाट एवं शाम में 97 मेगावाट बिजली आपूर्ति हुई है. यहां बिजली-कट की कोई समस्या नहीं है. जितनी बिजली चाहिए उतनी आपूर्ति हो रही है. तकनीकी कारणों से कुछ क्षणों के लिए कहीं-कहीं बिजली-कट होती तो तुरंत ठीक कर लिया जाता है.
नटवर लाल गुप्ता, कार्यपालक अभियंता, एनबीपीडीएल कंपनी पूर्णिया
लो वोल्टेज की समस्या से परेशान है उपभोक्ता
भवानीपुर. प्रखंड क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति लगभग सामान्य रूप से अच्छी है लेकिन बिजली तो रहती है उसमें वोल्टेज कम रहता है. जिससे बिजली रहते हुए भी उसका उपयोग नहीं कर पाते हैं.
इससे आम जनता को काफी परेशानी होती है. इस प्रचंड गर्मी में लोगों के लिए एक बिजली ही सहारा है जो बहुत ही मध्यम गति से लोगों को मिल रहा है. दिन में तो लोग किसी तरह समय काट लेते हैं लेकिन रात होते ही उठ बैठकर रात बिताने को मजबूर हो जाते हैं.
खासकर अस्पताल और दवाई दुकान. जहां दवाई की सुरक्षा के लिए फ्रीज रखा जाता है उसे जरूरत के हिसाब से वोल्टेज नहीं मिलना उसके लिए काफी परेशानी का कारण होता है. भवानीपुर अस्पताल की स्थिति बहुत ही दयनीय है क्योंकि यहां वोल्टेज के अभाव में जनरेटर चलाकर दवाई को सुरक्षित रखने का काम किया जाता है.
इस बावत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नवीन कुमार उपरोझिया ने बताया कि कई बार उच्च पदाधिकारी को लिखित एवं मौखिक अस्पताल के लिए ट्रांसफार्मर देने का अनुरोध किया गया है किसी भी सूरत में अस्पताल के लिए एक ट्रांसफार्मर दिया जाये जिससे दवा को सुरक्षित रखा जा सके.
इस बाबत विद्युत कनीय अभियंता विपुल कुमार ने बताया कि लो वोल्टेज रहने का सबसे बड़ा कारण यह है कि पूर्णिया ग्रिड से आवश्यकतानुसार वोल्टेज नहीं मिल पा रहा है. अधिक बिजली कनेक्शन देने से ट्रांसफार्मर पर अतिरिक्त प्रभाव बढ़ गया है.
बिजली की आंख मिचौनी से आमजन परेशान
धमदाहा. बीते पंद्रह दिनों से जहां उमस भरी गर्मी एवं चिलचिलाती धूप से एक तरफ जहां लोगों का जीना दुस्वार हो गया है. वहीं इस तपतपाती गर्मी में बिजली विभाग का आंख मिचौनी शुरू हो गया है. बैचेन करने वाली गर्मी में बिजली की समस्या आमजनों को काफी परेशान कर रही है.
अगर अनुमंडल मुख्यालय की बात छोड़ दे तो इसके अलावा अनुमंडल क्षेत्र के धमदाहा, भवानीपुर एवं रुपौली प्रखंड के कई इलाकों में लोग बिजली की घोर किल्लत झेल रहे हैं. लोगों का कहना है कि ग्रीष्म ऋतु के प्रवेश करते ही तपिश बढ़ाने वाली गर्मी में बिजली के शटडाउन और लो वोल्टेज की समस्या शुरू हो गई है. वहीं कई लोगों की यह भी शिकायत है कि एक तो बिजली कम रहती है, और जितनी देर रहती है उसमें भी लो वोल्टेज रहता है.
रूटीन बन गयी है बिजली कट
बिजली की समस्या एक दिन की नहीं है बल्कि यह रूटीन में शामिल हो गयी है. इसलिए बावेला मच रहा है. भीषण गर्मी में बिजली जनित पंखा और एसी यंत्र ही लोगों का सहारा बना हुआ है. जैसे ही बिजली जाती है वैसे ही लोग घरों से बाहर हो जाते हैं.
बिजली की लुकाछिपी का खेल गर्मी के इस मौसम में काफी दुखदायी साबित हो रही है. शहर के पूर्वी इलाके गुलाबबाग जीरोमाइल की तरफ ज्यादा देखी जा रही है तो पश्चिमी इलाके के मधुबनी फीडर में भी लगभग वही हाल है.
दूसरी ओर गांव वालों की भी परेशानी कम नहीं है. धान के खेतों में वर्षा नहीं हो रही है. बिजली मोटर से पटवन किया जा रहा है. पटवन के समय ही बिजली-कट हो जाती है. पटवन प्रभावित हो जाती है.
अस्पताल की स्थिति बहुत ही दयनीय है यहां वोल्टेज के अभाव में मरीज परेशान है.
विभागीय अधिकारी उनका फोन ही रिसीव नहीं करते.
बिजली-कट से लोगों का आक्रोश शहर और देहात में एक समान है.
गर्मी में बिजली के शटडाउन और लो वोल्टेज की समस्या शुरू हो गई है.
बिजली की परंपरागत आंख मिचौनी
जलालगढ़ : गर्मी के साथ ही परंपरागत तरीके से बिजली की आंख मिचौनी जारी है. इस परंपरा को बरकरार रखते हुए इस वर्ष भी बिजली की स्थिति नारकीय बनी हुई है. क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ता बताते हैं कि जब गर्मी और मानसून समाप्त होती है तो विभाग द्वारा विद्युत आपूर्ति की स्थिति में बाधा उत्पन्न नहीं हो सके इस दिशा में कई दिनों तक प्रायः सभी फीडरों में बिजली सेवा बाधित कर तार बदलने व अन्य उपकरणों को बदलने की जानकारी विभाग द्वारा दी जाती है.
वहीं मानसून पूर्व हो या जानलेवा गर्मी, विभाग की सारी तैयारियां फ्लॉप साबित हो जाती है. पिछले महीने में हल्की या तेज वर्षा के कारण कई घंटों तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही थी. वहीं गर्मी में तो लोड बढ़ने की बात समझ से ऊपर लगती है.
क्षेत्र के दीपक कुमार, धर्मेंद्र कुमार, मो आबिद, बिनोद कुमार, राकेश कुमार, तनवीर अंसारी, मो आफताब आदि उपभोक्ता बताते हैं कि पिछले महीने से अब तक बिजली की स्थिति नारकीय बनी हुई है. बताया कि कभी कभी तो दिनभर गुल रहती है और प्रायः यदि सेवा मिली तो 24 घंटे विद्युत कट दर्जनों बार होती है. जिससे कोई काम तो घर का काम भी नहीं हो पाता है. दुकानदार बताते हैं कि बिजली की स्थिति से आमजन जीवन प्रभावित है.

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