29.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अधूरा नाम लिख आरक्षण टिकट बेचने का खेल जारी

टिकट फर्जीवाड़ा. यात्री बचें ऐसे आरक्षण से, पकड़े जायेंगे रेलवे के अधिकृत काउंटर से खुद का टिकट बनायें ट्रेन में टीटीइ से रहती है मिलीभगत सहरसा : रेल टिकट आरक्षित कराने के लिए आरक्षण फॉर्म पर अधूरा नाम लिखने वाले स्थानीय टिकट दलाल पर्व-त्योहार के मौके पर यात्रियों से मनमाने रुपये वसूल मालामाल हो रहे […]

टिकट फर्जीवाड़ा. यात्री बचें ऐसे आरक्षण से, पकड़े जायेंगे

रेलवे के अधिकृत काउंटर से खुद का टिकट बनायें
ट्रेन में टीटीइ से रहती है मिलीभगत
सहरसा : रेल टिकट आरक्षित कराने के लिए आरक्षण फॉर्म पर अधूरा नाम लिखने वाले स्थानीय टिकट दलाल पर्व-त्योहार के मौके पर यात्रियों से मनमाने रुपये वसूल मालामाल हो रहे हैं. रेलवे ऐसे टिकट की जांच को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है. यात्रियों की शिकायत पर रेलवे ने कार्रवाई के संकेत दिये हैं. यात्रियों को भी सफर के लिए इस प्रकार के फर्जी टिकट लेने की आदत बदलनी होगी, अन्यथा यात्रा के समय वे बेटिकट करार दे दिये जायेंगे. यही नहीं, उन्हें जुर्माना भी भरना होगा. रेलवे ने निर्देशित किया है कि आरक्षण फॉर्म में पूरा नाम भर कर ही टिकट खरीदें. साथ ही इस नाम वाला पहचान पत्र भी यात्रा के समय साथ में रखें.
टिकट दलालों पर नकेल कसने के इरादे से रेल प्रशासन ने यह कदम उठाया है. रेलवे ने बुकिंग क्लर्कों को भी पूरे नाम वाले आरक्षण फॉर्म ही स्वीकार करने को कहा है. आरक्षण फॉर्म के नाम वाले खाने की क्षमता 15 अक्षर की होती है. यदि किसी का नाम इससे बड़ा है तो वह कम से कम इतने कैरेक्टर तो भर ही दें. रेलवे अधिकारियों का कहना है दो से तीन कैरेक्टर में नाम भर कर दलाल टिकट बुक करा लेते हैं. बाद में उससे मिलते-जुलते नाम वालों को ज्यादा पैसे लेकर टिकट बेच देते हैं. यात्री भी सफर के दौरान पूरा नाम वाला पहचान पत्र दिखा देते हैं. इस बदलाव से अब ऐसा नहीं हो पायेगा. इससे दलालों के साथ मिलीभगत करने वाले बुकिंग क्लर्कों पर भी नकेल कसने में मदद मिलेगी. यदि वह अधूरे नाम वाले फॉर्म पर टिकट बुक करेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
कालाबाजारी रोकना बड़ी चुनौती: टिकटों की कालाबाजारी रोकना रेल प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है. इसे रोकने के लिए कई कदम उठाये गये हैं. ट्रेन में विजिलेंस भी टीटीइ द्वारा जांच किये गये टिकट की क्रॉस चेकिंग कर सकती है. ज्ञात हो कि सहरसा से वाया नयी दिल्ली अमृतसर को खुलने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस में अधूरे नाम वाले टिकट की बिक्री धड़ल्ले से की जाती है. शहर में कई ऐसे भी दलाल सक्रिय हैं जो ट्रेवल एजेंसी की आड़ में फर्जी आइडी भी यात्रियों को सफर के दौरान मुहैया कराते हैं.
टीटीइ भी हो रहे मालामाल: सामान्य दिनों में अधूरे नाम वाले टिकट बिक्री का खेल कम होता है. लेकिन होली से पूर्व इस प्रकार के गोरखधंधे करने वाले दलाल सक्रिय हो जाते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, टिकट दलाल दो महीने पूर्व ही विभिन्न माध्यमों से लाखों रुपये के टिकट अग्रिम कटा कर रख लेते हैं. इन टिकट को मिलते जुलते नाम वाले यात्रियों को भी बेचा जाता है. इसके अलावा अत्यधिक भीड़ रहने पर जरूरतमंद लोगों को ज्यादा कीमत पर टिकट बेच दी जाती है. लोगों के बीच चर्चा है कि ट्रेन में प्रतिनियुक्त टीटीइ को प्रति टिकट तीन सौ से पांच सौ रुपये दलाल पहुंचा देते हैं. यह रुपये आइडी सत्यापित करने के एवज में टीटीइ को दी जाती है. जो हजारों में होती है.
ऐसे बनते हैं टिकट
इस प्रकार के गोरखधंधे में शामिल दलाल आरक्षण के समय प्रपत्र में ए कुमार, बी कुमार, सी कुमार, डी कुमार जैसे नाम से सीटों की बुकिंग करवायी जाती है. इन टिकटों पर उम्र भी 25 से 40 वर्ष तक के बीच में रखा जाता है. टिकट के अवैध बिक्री में दलाल यात्री के नाम व उम्र को देखते टिकट देता है. ज्ञात हो कि एक टिकट पर विभिन्न जगहों के यात्री जिनका आवासीय पता भी अलग है सभी साथ में यात्रा करते हैं. हालांकि रेल मंडल की सीमा तक टिकट दलाल भी सफर करते हैं. इस दौरान टीटीइ को फर्जी यात्रियों से अवगत करा दिया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें