सोनवर्षाराज : सूबे की सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग ने जब से बालू, गिट्टी के साथ साधारण मिट्टी का व्यवसाय करनेवालों के लिए भी लाइसेंस को अनिवार्य बना दिया है, तब से मिट्टी की भारी कमी हो गयी है. मांग के अनुरूप मिट्टी उपलब्ध नहीं होने से तथा स्थानीय थाना पुलिस मिट्टी लदे ट्रेक्टर […]
सोनवर्षाराज : सूबे की सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग ने जब से बालू, गिट्टी के साथ साधारण मिट्टी का व्यवसाय करनेवालों के लिए भी लाइसेंस को अनिवार्य बना दिया है, तब से मिट्टी की भारी कमी हो गयी है. मांग के अनुरूप मिट्टी उपलब्ध नहीं होने से तथा स्थानीय थाना पुलिस मिट्टी लदे ट्रेक्टर के धर-पकड़ एवं अवैध वसूली ने क्षेत्र में होने वाले कच्चे निर्माण कार्य को बाधित कर दिया है.
जिस वजह से इस व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों ट्रेक्टर मालिक व मिट्टी काटने वाले मजदूर बेरोजगार होकर सड़क पर आ गये हैं. मिट्टी की अनुपलब्धता ने सबसे ज्यादा प्रभावित मनरेगा से चलने वाली कच्ची योजनाओं को किया है. जिसमें गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले परिवार के बासडीह के इर्द-गिर्द मिट्टी भराई, कच्ची सड़कें, पगडंडी, गहरे गड्ढे व खेल मैदान में मिट्टी भराई जैसे कार्य शामिल है.
मिट्टी व्यवसाय से जुड़ी कानूनी शर्तें
विभागीय निर्देश के अनुसार मिट्टी व्यवसाय करनेवाले विक्रेता अपना और जमीन मालिक का निबंधन प्रमाण पत्र और रैयत के सहमति प्रमाण के साथ जिला खनन कार्यालय से लाइसेंस लेंगे. इसके लिए खनन की जानेवाली साधारण मिट्टी की मात्रा के अनुरूप स्वामित्व का शुल्क भुगतान करना होगा. लाइसेंसधारी को हर महीने खनन और बिक्री का आंकड़ा विहित प्रपत्र में हर महीने की 10 तारीख तक अनिवार्य रूप से जिला खनन कार्यालय में जमा करना होगा. सभी लाइसेंसधारी काे अपने खनन क्षेत्र में एक बोर्ड लगाना होगा. जिसमें प्रत्येक दिन के उत्खनन और बिक्री का ब्योरा अंकित करने की बाध्यता होगी.