सहरसा : 2014 में जिलाधिकारी शशिभूषण कुमार के निर्देश पर उक्त अनाथ आश्रम को खाली कराने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन संचालक के विरोध एवं उनके सहयोगी के अड़ियल रवैये के कारण अनाथ आश्रम खाली नहीं हो सका था. अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा था. इससे उत्साहित अनाथ आश्रम संचालक शिवेंद्र कुमार अपने को मजबूत समझ बैठे और उसकी यह भूल रविवार को दिवास्वप्न साबित हुई. अंतत: उसे पत्नी के साथ सलाखों के पीछे जाना पड़ा.
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2014 में भी हुआ था खाली कराने का प्रयास
सहरसा : 2014 में जिलाधिकारी शशिभूषण कुमार के निर्देश पर उक्त अनाथ आश्रम को खाली कराने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन संचालक के विरोध एवं उनके सहयोगी के अड़ियल रवैये के कारण अनाथ आश्रम खाली नहीं हो सका था. अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा था. इससे उत्साहित अनाथ आश्रम संचालक शिवेंद्र कुमार अपने […]
अफसर व पुलिस की थी पूरी फौज: कार्रवाई में सदर एसडीओ एसडीपीओ के साथ सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई भाष्कर प्रियदर्शी, बाल संरक्षण पदाधिकारी भाष्कर कश्यप, सदर अस्पताल चिकित्सक डॉ विभा झा, सदर थानाध्यक्ष भाई भरत कुमार, महिला थानाध्यक्ष आरती सिंह, जिला प्रोवेशन पदाधिकारी, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान श्वेता कुमारी, महिला हेल्प लाइन परियोजना प्रबंधक मुक्ति श्रीवास्तव, बाल गृह प्रभारी अधीक्षिका चाइल्ड लाइन समन्वयक बालकिशोर झा सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
सदर एसडीओ ने बताया कि आश्रम संचालक के द्वारा बच्चों के स्थानांतरण कर काफी विरोध किया गया, लेकिन पदाधिकारी एवं कर्मियों के सावधानी पूर्वक किये गये कार्रवाई से आश्रम से बच्चों को निकाला जा सका. इसके लिए बच्चों के बीच नाश्ता, चॉकलेट, बिस्कुट आदि की व्यवस्था की गयी थी. जिससे बच्चों को निकालने में सुविधा हो सकी. उन्होंने बताया कि दोनो पैर से विकलांग महिला सुमन कुमारी द्वारा धक्का, मुक्की तोड़फोड़ एवं गाली-गलौज भी दी गयी.
इसे धैर्य के साथ सहन करते हुए प्रथम चरण में सभी नौ बालिकाओं आरती कुमारी, आशा कुमारी, काजल कुमारी, इंद्राक्षी कुमारी, रीना कुमारी, आशा कुमारी, निक्की कुमारी, चंदा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी को महिला कर्मियों के सहयोग से बालिका गृह पूर्णिया भेजा गया. जबकि डेढ़ वर्षीय बच्ची को दत्तक गृह संस्थान भेजा गया है. दो नवजात सहित दिव्यांग सुमन कुमारी को पटना भेजा गया है.
बाल गृह भेजे गये बालक
बाल गृह में अभिनंदन कुमार, संजय कुमार, सोनू कुमार, हरिओम कुमार को उम्र के आधार पर रखा गया है. जबकि विशिष्ट दत्तक गृह में नीतू कुमार, आकाश कुमार, मेघना कुमारी, हरिनाथ कुमार को रखा गया है. सदर एसडीओ ने बताया कि 17 बच्चों को विभिन्न सरकारी संस्थानों में रखा गया है. जबकि दो नवजात बच्चों की मां व सुमन कुमारी को पटना के संस्थान में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि सभी स्थानांतरण की प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से सफलता पूर्वक की गई एवं आश्रम को तत्काल प्रभाव से जांचोपरांत सील कर दिया गया. उन्होंने बताया कि सुलभ इंटरनेशनल का यह भवन पूरी तरह जर्जर था. इसे भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने वर्ष 2014 में ही अनुपयुक्त करार दिया था.
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