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कागज खंगाल रही सीबीआइ, लंबी चलेगी जांच प्रक्रिया

नौ दिन से टीम खंगाल रही है फाइल कई लोगों पर दर्ज की जा चुकी है प्राथमिकी सहरसा : सृजन घोटाले जांच के लिए आयी सीबीआइ टीम सोमवार को भी दिनभर परिसदन में फाइलों की जांच करती रही. जांच पूरी तरह गोपनीय रखी जा रही है. शुरुआत के दो तीन की सीबीआइ टीम के शहर […]

नौ दिन से टीम खंगाल रही है फाइल

कई लोगों पर दर्ज की जा चुकी है प्राथमिकी
सहरसा : सृजन घोटाले जांच के लिए आयी सीबीआइ टीम सोमवार को भी दिनभर परिसदन में फाइलों की जांच करती रही. जांच पूरी तरह गोपनीय रखी जा रही है. शुरुआत के दो तीन की सीबीआइ टीम के शहर के विभिन्न जगहों पर जाकर पूछताछ करने व जांच करने के बाद टीम अपने निर्धारित जगह पर ही रुककर फाइलों का अध्ययन कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीम अपनी जरूरत के हिसाब से विभिन्न विभागों व बैंकों से जानकारी एकत्रित कर उसका अध्ययन कर रही है. टीम जांच को इतना गोपनीय रख रही है कि किसी को भी आने जाने की छूट नहीं है. जानकारी के अनुसार टीम मंगलवार तक सहरसा में रूकेगी.
मालूम हो कि बीते 17 अगस्त को जिला पदाधिकारी बिनोद सिंह गुंजियाल के निर्देश पर वरीय कोषागार पदाधिकारी राज कुमार ने सृजन महिला विकास समिति, भागलपुर की संचालिका मनोरमा देवी, बैंक ऑफ बड़ौदा सहरसा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं अन्य सहयोगी, बैंक ऑफ बड़ौदा भागलपुर के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं अन्य सहयोगी, विशेष भू अर्जन कार्यालय सहरसा के तत्कालीन पदाधिकारी जिनके हस्ताक्षर से राशि सृजन महिला विकास समिति के खाते में हस्तांतरित की गयी तथा रोकड़पाल एवं प्रधान सहायक पर सदर थाना में मामला दर्ज करवाया था.
26 को टीम पहुंची थी सहरसा : सृजन घोटाला की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बीते 26 अगस्त को सहरसा पहुंची थी. अपने दौरे के तीसरे दिन सदर थाना पहुंच थानाध्यक्ष सह कांड के अनुसंधानकर्ता भाई भरत कुमार से सृजन घोटाले से संबंधित दर्ज मामले का प्रभार लिया. सदर थानाध्यक्ष भाई भरत ने टीम को सभी कागजात व पुलिस के द्वारा की गयी अबतक के अनुसंधान से अवगत कराया था. प्रभार ग्रहण करने के बाद टीम कोसी चौक स्थित काडा परिसर स्थित विशेष भू अर्जन कार्यालय पहुंच बंद कमरे में मामले की तहकीकात की थी. टीम विशेष भू अर्जन पदाधिकारी राजकुमार से मामले की जानकारी लेकर कई फाइलों को खंगाला था.
सूत्रों के अनुसार टीम के सदस्यों ने विशेष भू अर्जन पदाधिकारी से कई फाइलों की मांग की थी. जानकारी के अनुसार टीम को सभी फाइल उपलब्ध करा दी गयी है. वही बैंक ऑफ बड़ौदा से भी कागजातों की मांग की गयी थी. जानकारी के अनुसार बैंक द्वारा भी कागजात उपलब्ध करा दी गयी है. जिसे टीम खंगाल रही है.
जून के बाद नहीं हुआ है कोई चेक निर्गत : कार्यालय में बैंक ऑफ बड़ौदा भागलपुर का एक मात्र चेक बुक संधारित है. जिसका चेक नंबर 555001 से 555055 है. लेकिन भागलपुर स्थित यह खाता चेक बुक के अनुसार 26 जून 2013 को चेक काटकर बंद कर दिया गया था. कार्यालय में उपलब्ध अभिलेख के अनुसार 26 जून 2013 के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा भागलपुर का कोई चेक निर्गत नहीं हुआ था. सृजन महिला विकास समिति के खाते में जिन चेकों के माध्यम से राशि का हस्तांतरण हुआ है. उस नंबर का चेक या चेक बुक कार्यालय में संधारित नहीं है. कार्यालय में संधारित रोकड़ बही के अनुसार एक जुलाई 2017 को अंतशेष की राशि 221 करोड़ 18 लाख 45 हजार 904 रुपये 53 पैसा है.
यह राशि एसबीआई सहरसा के खाता में दो करोड़ 78 लाख 98 हजार 744 रुपये 75 पैसा, एक्सिस बैंक सहरसा में चार करोड़ रुपये, यूबीजीबी बलूआहा शाखा में 640 लाख 17 हजार रुपये, पीडी एकाउंट में 215 करोड़ 39 लाख 88 हजार 485 रुपये हैं. रोकड़ बही के अनुसार सरकारी खाते में भू अर्जन की राशि यथावत है. 28 मार्च 2012 से 29 जुलाई 2013 की अवधि में निकासी की गयी 162 करोड़ की राशि किस आदेश से और किनके हस्ताक्षर से सृजन महिला विकास समिति भागलपुर के खाते में हस्तांतरित हुई, यह जांच का विषय है. इस मामले में सृजन महिला विकास समिति भागलपुर, बैंक ऑफ बड़ौदा सहरसा, बैंक ऑफ बड़ौदा भागलपुर तथा विशेष भू अर्जन कार्यालय सहरसा की क्या भूमिका है. राशि सृजन महिला विकास समिति के खाते में हस्तांतरण से लेकर राशि की वापसी की तिथि तक के सूद तथा बैंकों के द्वारा बचत खातों में दिये गये ब्याज की राशि का क्या हुआ जांच का विषय है.

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