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बेतिया कोर्ट में गोलीबारी के बाद अलर्ट हुई पुलिस
दर्जनों कुख्यात अपराधी व हार्डकोर नक्सली रोज पेशी के लिए लाये जाते हैं कोर्ट इस समय कोर्ट में चल रही डीएफओ हत्याकांड की सुनवाई सासाराम नगर : बेतिया कोर्ट परिसर में गुरुवार की सुबह गोलीबारी की घटना के बाद रोहतास पुलिस हाइ अलर्ट पर है. गौरतलब है कि बेतिया कोर्ट में पेशी के लिए लाये […]
दर्जनों कुख्यात अपराधी व हार्डकोर नक्सली रोज पेशी के लिए लाये जाते हैं कोर्ट
इस समय कोर्ट में चल रही डीएफओ हत्याकांड की सुनवाई
सासाराम नगर : बेतिया कोर्ट परिसर में गुरुवार की सुबह गोलीबारी की घटना के बाद रोहतास पुलिस हाइ अलर्ट पर है. गौरतलब है कि बेतिया कोर्ट में पेशी के लिए लाये गये कुख्यात अपराधी बब्लू दूबे को लक्ष्य कर अपराधियों ने पांच गोली मारी, जिस में उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी.
इस घटना की जानकारी मिलते ही रोहतास पुलिस अपने यहां कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है. आने जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है. सासाराम कोर्ट परिसर में कई बार बम से हमला हो चुका है. कभी कैदियों को भगाने के लिए तो कभी किसी अपराधी बंदी को टारगेट कर हमला किया गया. इन दिनों डीएफओ संजय सिंह हत्याकांड की सुनवाइ चल रही है.
इस हत्याकांड में कई हार्डकोर नक्सलियों की संलिप्तता है. सुनवाई के दौरान उन्हें रोज कोर्ट लाया जाता है. वैसे भी सासाराम मंडल कारा में दर्जनों कुख्यात अपराधी व इनामी हार्डकोर नक्सलियों की भरमार है. जिन्हें पेशी के लिए कोर्ट लाया जाता है. इस दृष्टि से सासाराम कोर्ट परिसर अतिसंवेदनशील है. खुफिया विभाग की रिपोर्ट की मानें तो कोर्ट परिसर में कभी भी कोई घटना हो सकती है.
पुलिस के लिए बड़ी चुनौती : मंडल कारा से लाये गये कैदियों को कैदी वाहन से उतार कर कोर्ट परिसर स्थित बंदी हाजत में रखा जाता है.
फिर उन्हें अनुमंडल कार्यालय परिसर से लगभग सौ मीटर की दूरी तय कर के पुराने जीटी रोड को पार कर व्यवहार न्यायालय में लाया जाता है. यही दूरी तय करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है. इन दिनों डीएफओ हत्या कांड की सुनवाई चल रही है. डीएफओ संजय सिंह को 15 फरवरी, 2002 को नक्सलियों ने गोली मार हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में हार्डकोर नक्सली निराला यादव सहित आधा दर्जन नक्सली शामिल थे. इसमें तीन नक्सलियों का मामला जुबेनाइल कोर्ट में चला गया. लेकिन, सुनवाई के दौरान निराला याव को कोर्ट लाया जाता है. इस मामले में निराला यादव को सजा होनी ही है.
सासाराम जेल में कई बार हो चुका है हमला
वर्ष 2003 में निवर्तमान जिला पार्षद सुदामा यादव को टारगेट कर अपराधियों ने किया बम से हमला. पार्षद बाल बाल बचे. इसकी चपेट में आ कर तीन लोग घायल हो गये थे. वर्ष 2004 में अधिवक्त को टारगेट कर बम विस्फोट में अधिवक्ता सहित तीन लोग घायल हुए. 2006 में कोर्ट हाजत के समीप बम से हमला.
इसका फायदा उठा छह कुख्यात अपराधी फरार हो गये. इसी तरह वर्ष 2008, 09, 11 व 13 में बम से हमला हुआ. इन घटनाओं में आधा दर्जन फरियादी घायल हुए. 2016 में 11 मार्च को बाइक में बम विस्फोट हुआ, इसमें बाइक सवार व एक बच्ची घायल हो गयी. 2016 में 13 जुलाई को बाइक में बम व बाइक सवार की मौत हो गयी व दो लोग घायल हो गये. मृतक सचिन कुमार नक्सलियों का सहयोगी था. इसके बाद आधा दर्जन नक्सली गिरफ्तार किये गये. 13 जुलाई 2016 की घटना के बाद कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गयी, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से पर्याप्त नहीं है.
पुलिस को सतर्कता बरतने का निर्देश
बेतिया कोर्ट परिसर की घटना के बाद पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. संबंधित थाना की पुलिस को कोर्ट परिसर में विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए डीएम व जिला व सत्र न्यायाधीश के साथ बैठक हुई थी. बैठक की रिपोर्ट कारा विभाग व पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है. निर्देश प्राप्त होते ही कोर्ट परिसर में सुरक्षा को ले कर विशेष व्यवस्था की जायेगी.
मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसपी, रोहतास
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