गेहूं की फसल के जलने के साथ जल गये किसानों के अरमान
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अगलगी में लाखों की फसल जली कर राख
गेहूं की फसल के जलने के साथ जल गये किसानों के अरमान दिनारा (रोहतास) : पूरे प्रखंड में लगभग एक सप्ताह से आग से चहुंओर त्राहिमाम मचा हुआ है. कुल मिला कर लगभग सैकड़ों बिगहा से अधिक रबी की फसल आग की भेंट चढ़ चुका है. आग से सिर्फ फसल ही नहीं जले बल्कि उन […]
दिनारा (रोहतास) : पूरे प्रखंड में लगभग एक सप्ताह से आग से चहुंओर त्राहिमाम मचा हुआ है. कुल मिला कर लगभग सैकड़ों बिगहा से अधिक रबी की फसल आग की भेंट चढ़ चुका है. आग से सिर्फ फसल ही नहीं जले बल्कि उन किसानों के अरमान भी जल गये, जो अनाज बेच कर कई सपने पाले हुए थे. किसी को अपने बच्चों की स्कूल की फीस भरना थी, तो किसी किसानों को अनाज बेच कर अपने बेटी के हाथ पीले करने थे. कभी सूखा, तो कभी बाढ़ का लगातार मार झेल रहे किसानों की आग ने कमर तोड़ कर रख दी है. महंगे दामों पर बीज-खाद सहित खेती के उपयोग के लिए अन्य साजो- सामान खरीद कर खेती करते हैं.
ताकि फसल कटने के बाद लागत खर्च निकलने के अलावा थोड़ी-बहुत मुनाफा भी हो जायेगी. इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि उन किसानों पर क्या गुजरता होगा, जिसकी तैयार फसल आग की आगोश में चला गया. फसल जलनेवाले किसानों में बहुतेरे ऐसे भी किसान थे जो बटाईदारी पर खेत लेकर खेती की थी. उन किसानों की स्थिति तो सबसे दयनीय हो गयी है. विगत दिनों दिनारा थाना अंतर्गत नौवां गांव में आग ने भीषण तबाही मचाते हुए किसान राम दुलार सिंह का 30 बीघा का गेहूं, संत सिंह का डेढ़ बीघा का गेहूं, उमाशंकर सिंह उर्फ भुटाली सिंह का 14 बीघा का गेहूं, राज गृही राम की डेढ बिगहा गेहूं
, शीवमुनी राम का एक बीघा, सरोज राम का 10 कट्ठा, तस्वुर अंसारी, मंजूर अंसारी, कमेश्वर सिंह सहित कई नौवां गांव के किसानों की खेत में खड़ी फसल आग के आगोश में आकर राख हो गया. वहीं प्रखंड अंतर्गत भानस ओपी के कुंड एवं दिनारा थाना अंतर्गत गंगाढी गांव में खलिहान में रखे रबी फसल जल कर राख हो गये. इसमें कुड़ गांव के किसान रघुनाथ चौबे का डेढ़ बीघा का चना जल गया. वहीं किसान राजू सिंह, शिवजी सिंह सतेंद्र सिंह सहित कई किसानों का चना,
तोरी सहित पेड़ भी जल गये, जिससे किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा. वहीं गंगाढी गांव में रामाकांत सिंह का पांच बिगहा एवं रघुनाथ शर्मा का डेढ़ बीघा का गेहूं खलिहान में जल गया. गंगाढी के दोनों किसान मजदूर हैं और दोनों ने बटाईदारी पर लेकर खेती की है. ऐसे कितने किसान हैं, जो आपबीती सुनाते हुए रो पड़ते हैं.
नटवार के करहंसी में भी आग से हाहाकार
प्रखंड अंतर्गत करहंसी गांव में बुधवार को आग के हाहाकार ने कई किसानों की कमर तोड़ कर रख दी. कुल मिला कर 31 किसानों की लगभग सौ बीघा गेहूं जल कर राख हो गये. इनमें राजेश्वर सिंह छह बीघा, सिताराम राय सात बीघा, जयप्रकाश राय छह बीघा, कामेश्वर सिंह आठ बीघा 10 कट्ठा, धनकुमार राय पांच बीघा, इंद्रजीत राय 10 बीघा सहित अन्य किसानों के गेहूं की फसल जल कर राख हो गयी. इसके बाद भी प्रखंड के ऐसे कितने गांव के किसानों की फसल एक सप्ताह के अंदर आग की भेंट चढ़ चुकी है.
प्रशासन द्वारा भरपाई के लिए क्या उठाये गये कदम
अग्निकांड के बाद प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये, जिससे भुक्तभोगी किसानों के नुकसान की भरपाई हो सके. हालांकि किसानों के जले हुए अनाज की प्रशासन द्वारा मूल्यांकन की जा रही है. दिनारा थाना, नटवार थाना एवं भानस ओपी में किसान अपने जली हुई फसल का ब्योरा देकर सनहा दर्ज करा चुके हैं. इस मामले में सीओ राजेश कुमार मौके पर पहुंच कर पीड़ित किसानों से मिल चुके हैं एवं मुआवजा दिलाने का आश्वासन भी दे चुके हैं.
कहते हैं किसान
नौवां गांव के किसान उमाशंकर सिंह उर्फ भुटाली सिंह की इसी महीने लड़की की शादी है. वे दर्द बयां करते हुए कहते हैं कि सोचा था बेटी की शादी धूमधाम से होगी. पर गेहूं की फसल जलने से कमर ही टूट गयी. वहीं प्रखंड के गंगाढी गांव के मजदूर किसान रघुनाथ शर्मा कहते हैं कि हमने किसी तरह बटाईदारी पर लेकर डेढ़ बीघे में खेती की थी, पर वो भी खलिहान में आग लगने से जल गया. कैसे लिया हुआ कर्ज चुकता करेंगे समझ में नहीं आता.
करहंसी गांव के किसान शिवदानी राय कहते हैं कि किसी तरह महंगे दामों पर बीज-खाद खरीद कर खेती करते हैं. कभी सुखाड़ तो कभी बाढ़ आफत बन कर आती रहती है. पर फसल का जलना सदमा से कम नहीं है. फसल होने पर ही घर के खर्चे के साथ स्कूल का फीस सहित अन्य जरूरत पूरा की जाती है, पर सारे अरमान ही जल गये. करहंसी गांव के किसान अमरेंद्र राय कहते हैं कि खलिहान में रखी गेहूं की फसल जल गयी. उतना ही खेती की थी. क्या करें समझ में नहीं आता. घर का खर्च कैसे चलेगा. अगर सरकार से मुआवजा नहीं मिलेगा, तो क्या होगा कहना मुश्किल है.
जनप्रतिनिधि भी अपने-अपने पंचायत में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अधिकारियों के संपर्क साध मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इनमें सैसड़ मुखिया राजेश कुमार, करहंसी मुखिया धनंजय राय, नौवां बीडीसी रतन तिवारी आदि ने अंचलाधिकारी से मिल किसानों की आवाज उठा चुके हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
दिनारा सीओ राजेश कुमार कहते हैं कि वे खुद मौके पर जाकर जायजा ले चुके हैं. यह एक भयावह स्थिति है. किसानों से सामूहिक रूप से बोला गया है कि थाने में सनहा दर्ज करा अपने नुकसान का ब्योरा दें. लोगों का आवेदन आया भी है, जिसकी मूल्यांकन रिपोर्ट जिले में भेजी जायेगी. वहीं बटाईदारी पर जिसने खेती की थी. वे अगलगी की पीड़ित हैं, तो उन्हें उस किसानों से लिखवा कर प्रामाणिकता की मांग की गयी है, जिससे वे मालगुजारी पर लिये थे. पीड़ित किसानों को 13 हजार रुपया एक हेक्टेयर के हिसाब से देने का प्रावधान है, जिसे जल्द दिलवाने की कोशिश की जायेगी.
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