परेशानी. पर्व नजदीक आते ही सक्रिय हो जाता जहरखुरानी गिरोह
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रेल पुलिस ने की विशेष तैयारी
परेशानी. पर्व नजदीक आते ही सक्रिय हो जाता जहरखुरानी गिरोह ट्रेनों में चलाया जा रहा सर्च अभियान सासाराम नगर : होली का पर्व नजदीक आते ही जहरखुरानी गिरोह सक्रिय हो जाता है. जहरखुरानी के सबसे अधिक मामले रेलवे में आते हैं. हालांकि, इससे निबटने के लिए रेल पुलिस ने पूरी तैयारी की है. नयी रणनीति […]
ट्रेनों में चलाया जा रहा सर्च अभियान
सासाराम नगर : होली का पर्व नजदीक आते ही जहरखुरानी गिरोह सक्रिय हो जाता है. जहरखुरानी के सबसे अधिक मामले रेलवे में आते हैं. हालांकि, इससे निबटने के लिए रेल पुलिस ने पूरी तैयारी की है. नयी रणनीति पर अमल भी शुरू हो गया है. रेल पुलिस का कहना है कि होली, दशहरा, छठ, ईद, बकरीद, मुहर्रम जैसे बड़े पर्व पर परदेशी घर लौटते हैं. ऐसे में यह गिरोह आसानी से यात्रियों को अपने झांसे में डाल खाने-पीने की चीजों में नशा मिला कर खिला देता है. यात्री के बेहोश होने पर उसका सामान ले कर ट्रेन से उतर जाता है. इसके शिकार बने यात्री को नॉर्मल होने में दो से तीन दिन का समय लग जाता है. गया-मुगलसराय रेल खंड पर सासाराम महत्वपूर्ण स्टेशन हैं. इस स्टेशन से आने जानेवाले यात्रियों की तादाद बहुत ज्यादा है.
हजारों परदेशी इस शहर व जिले से जुड़े जो रोजी रोटी के लिए देश के अन्य प्रदेशों में रहते हैं. खास मौके पर अपने घर लौटते हैं. इससे आगे डेहरी, औरंगाबाद, गया में उतरने वाले यात्रियों को गिरोह के लोग अपना शिकार बना लेते हैं. इनके बीच बैठे चिकनी-चुपड़ी बातें कर एक भले यात्री की तरह व्यवहार दिखा मौका मिलते ही उन्हें नशे का समान खिला देते हैं. इस दौरान यह लोग पहले खुद खाते हैं, ताकि आपको विश्वास में ले सकें. नशा का असर इन्हें नहीं होता है. क्योंकि यह पहले से ही एंटी ड्रग कैप्सूल खा लिए होते है. इधर, दो तीन वर्षों से स्प्रे करने का मामला भी आ रहा है.
बरती जा रही विशेष चौकसी : आरपीएफ पूरी तैयारी के साथ प्लेटफाॅर्म व ट्रेनों में सघन पेट्रोलिंग कर रही है. खास कर रात में विशेष चौकसी बरती जा रही है. सभी ट्रेनों के खड़े होने पर पूरी तरह सर्च किया जा रहा है. स्टेशन के सभी प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों के आस-पास आरपीएफ के जवान सादे लिबास में घूमते रहते हैं. आने-जानेवालों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है. ट्रेन में हैंडबिल बांटा जा रहा है. पंपलेट साट कर लोगों को आगाह किया जा रहा है. आरपीएफ व रेल पुलिस पूरी तरह हाइ अलर्ट पर है.
हाल में घटनाओं में आयी कमी: रेल पुलिस की सख्ती से जहरखुरानी की घटनाओं में कमी आयी है. वर्ष 2016 में मात्र तीन यात्री ही इनके चपेट में आये. इस वर्ष अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है. फिर भी पर्व को देखते हुए चौकसी बढ़ा दी गयी है. चेकिंग अभियान से कई अन्य घटनाओं में भी कमी आयी है. आरपीएफ पुलिस के जवान यात्रियों के बीच सफर करते हैं.
रेल पुलिस की चौकसी को देख अब यह गिरोह बस में सक्रिय हो गये हैं. गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह आरा-टाटा जाने वाली बस में नशाखुरानी गिरोह के शिकार बने छात्र को सासाराम व एक पुलिस जवान को नोखा में उतारा गया. इससे साफ जाहिर होता है कि गिरोह सक्रिय हो गया है. ये कभी भी ट्रेन यात्रियों को शिकार बना सकते है.
कहते हैं रेल पुलिस के अधिकारी
आरपीएफ नशाखुरानी गिरोह को सफल नहीं होने देगी. आधुनिक तरीके से रणनीति बना कार्य शुरू कर दिया गया है. पिछले वर्ष से ही इन से निबटने के लिए कई नुस्खे अजमाये जा रहा हैं, जो लगभग कामयाब है. पहले रोज दो तीन यात्री बेहोशी के हालत में रात्रि पेट्रोलिंग में बढ़ोतरी की गयी है. लंबी दूरी की गाड़ियों पर विशेष नजर रखी जा रही है. टिकट चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. प्लेटफाॅर्म पर विशेष नजर रखा जा रहा है. जमानत पर छूटे पुराने अपराधियों पर विशेष नजर है. कुछ चिह्नित अपराधी हैं. उनकी खोज हो रही है. स्टेशन के अास-पास देखे जाने पर भी सख्त कार्रवाई की जायेगी.
पंकज प्रकाश, आरपीएफ निरीक्षक
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