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रुपये भुनाने को भटकते रहे लोग

दो घंटे में ही बंद हो गये पेट्रोल पंप बस स्टैंड के काउंटर को 10 मिनट में ही करना पड़ा बंद सासाराम(नगर) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाने घोषणा के बाद बुधवार को दिन भर शहर में अफरातफरी का माहौल रहा. बुधवार को पौ फटते ही लोग […]

दो घंटे में ही बंद हो गये पेट्रोल पंप
बस स्टैंड के काउंटर को 10 मिनट में ही करना पड़ा बंद
सासाराम(नगर) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाने घोषणा के बाद बुधवार को दिन भर शहर में अफरातफरी का माहौल रहा. बुधवार को पौ फटते ही लोग 500 और 1000 का नोट भुनाने के लिए पेट्रोल पंप, रेलवे बुकिंग काउंटर व बस अड्डों की ओर रुख करने लगे. इन जगहों पर लोगों की भारी भीड़ रही. पेट्रोल पंप पर इतने लोग जुटे थे कि दो घंटे में ही पेट्रोल पंप को बंद कर देना पड़ा. रेलवे बुकिंग काउंटर पर सुरक्षा गार्ड तैनात करना पड़ा. सरकारी बस अड्डों के काउंटर 10 मिनट में ही बंद हो गये.
किराना, कपड़े और मेडिकल दुकानों में 500 और 1000 का नोट लेकर गये लोगों को निराशा ही हाथ लगी क्योंकि उन्होंने नोट लेने से इनकार कर दिया. सबसे मुश्किल उन महिलाओं को हुई जिन्होंने 500 और 1000 रुपये के नोट सहेजकर रखे थे.
पेट्रोल पंपों पर खुदरा की किल्लत: पेट्रोल पंपो पर आये अधिकतर लोग 500 और 1000 रुपये का नोट लेकर आते थे और 100 सा 200 रुपये का पेट्रोल भरने को कहते थे. कुछ ग्राहकों को खुदरा मिल गया लेकिन बाद में आये ग्राहकों से साफ शब्दों में कह दिया गया कि उनके पास खुदरा रुपये नहीं हैं.
इसको लेकर ग्राहकों और पेट्रोल पंप संचालकों में तू-तू-मैं-मैं हो गयी. स्थिति मारपीट तक पहुंच गयी. इसका परिणाम यह निकला कि दो घंटे में पेट्रोल पंप को बंद कर देना पड़ा. कचहरी स्थित पेट्रोल टंकी के कर्मचारी अखिलेश महतो ने कहा कि लोग तेल के लिए नहीं बड़े नोटों को भुनाने के लिए आ रहे थे. खुदरा की किल्लत हो रही थी इसलिए पेट्रोल पंप बंद करना पड़ा.
दो घंटे में 40 हजार रुपये खत्म: रेलवे बुकिंग काउंटर पर भी लोगों की भीड़ जबरदस्त भीड़ रही. 50 रुपये के टिकट के लिए लोग पांच सौ व एक हजार का नोट दे रहे थे. महज दो घंटे में ही 40 हजार रुपये काउंटर से निकल गये. बुकिंग क्लर्क इस उम्मीद में था कि कोई तो खुदरा रुपये देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. टिकट काउंटर पर भी मामला हाथापाई तक पहुंच गया. स्थिति को देखते हुए आरपीएफ के जवानों को काउंटर पर तैनात करना पड़ा. खुदरा रुपये नहीं होने से कई लोगों को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी.
थम गया शहर का बाजार: नोट पर प्रतिबंध से शहर की मंडियों में मुर्दनी छायी रही. गोला बाजार धर्मशाला रोड, नवरत्न बाजार, इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रोनिक्स की दुकानों पर खुदरा नहीं होने से कारोबार लगभग ठप रहा.
कुछ दुकानदारों के पास खुदरा था उन्होंने कुछ देर कारोबार किया लेकिन बाद में उन्हें भी वैसे ग्राहकों का इंतजार करना पड़ा जिनके पास खुदरा हो. सब्जी दुकान चलाने वाले कुछ ज्यादा ही परेशान दिखे क्योंकि कोई ग्राहक खुदरा लेकर नहीं आ रहा था और दुकानदार के पास खुदरा था नहीं. दुकानदार डर भी रहे थे कि सब्जियां नहीं बिकी तो खराब हो जायेगी और उनका पूरा पैसा डूब जायेगा लेकिन दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था. शहर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी किला आत के थोक व्यवसायी रफीक कुंजड़ा ने कहा कि अगर नहीं बिकी तो लगभग आठ लाख की सब्जी बरबाद हो जायेगी.
घरों से निकलने लगा काला धन
बड़े नोटों पर प्रतिबंध से घर की महिलाएं सब से ज्यादा प्रभावित हुई हैं. पति से छिपा कर रखे गये बड़े नोट को मजबूरी में सार्वजनिक करना पड़ा. बड़े नोटों की बरामदगी से घर में चिल्लपों मची रही. महिलाएं अपना सिर पीटती रहीं. कई लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बड़ी तंगहाली में उसकी जिंदगी गुजर रही थी लेकिन पीएम की घोषणा के बाद पत्नी के पास से मोटी रकम के बारे में पता चला.
मोदी सरकार द्वारा बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय जन विरोधी कदम है. इससे किसानों को काफी परेशानी होगी.खेती का समय है. बड़े नोटों पर प्रतिबंध से किसान बीज व खाद की खरीदारी नहीं कर पायेंगे. इससे खेती पिछड़ जायेगी. अचानक प्रतिबंध का समाजवादी पार्टी विरोध करती है. दुकानदार गोदाम में सामान के लिए परची भेज रहे हैं, उन्हें फोन कर बताया जा रहा है कि पांच सौ व हजार के नोटों को स्वीकार नहीं किया जायेगा. उसके बाद ही माल भेजा जा रहा है.
-मंगल सिंह कुशवाहा, जिला अध्यक्ष समजावादी पार्टी
बिहार के किसान कर रहे फायदे की खेती : मंत्री
सासाराम ऑफिस. राज्य के संसदीय कार्य व ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार के किसान फायदे की खेती कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने किसानों के लिए कृषि रोड तैयार कर यह बताया कि सरदार बल्लभ भाई पटेल के बताये गये रास्ते पर चल कर ही किसानों को खुशहाली किया जा सकता है. बिहार में किसानों के लिये अच्छा काम हो रहा है और यहां लोग खेती से जुड़ रहे हैं. वे बुधवार को पटेल सेवा आश्रम तकिया के प्रांगण में आयोजित सरदार पटेल की 141वीं जयंती समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि देश को लेकर सरदार पटेल के विचार अनमोल थे.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अगवाई किसानों के लिए काफी काम किया जा रहा है और कहा जा सकता है कि उनकी अगुवाई में ही में ही देश के किसान प्रगति कर सकते हैं. मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने 560 से अधिक रियासतों को जोड़ कर एक विशाल भारत बनाने का संकल्प पूरा किया इसलिए उन्हें लौह पुरुष कहा जाता है. बिहार सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने कहा था कि बोलने में मर्यादा का खयाल रखा जाना चाहिए, गालियां देना तो कायर का काम है. पटेल के विचार अमर हैं. करगहर विधायक वशिष्ठ सिंह ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल सचमुच एक मजबूत इरादे वाले व्यक्ति थे. वे किसानों के हित के लिए संघर्षरत रहे. उन्होंने हमेशा किसानों के हित के बारे में सोचते थे. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार सरदार वल्लभ भाई पटेल के रास्ते पर चल रहे हैं.
कार्यक्रम की अध्यक्षता पटेल सेवा संघ के अध्यक्ष त्रिवेणी सिंह ने की और मंच का संचालन सुरेंद्र सिंह ने किया. मौके पर सासाराम विधायक डॉ अशोक कुमार, संतोष पटेल, सविता नटराज, अमरेश चौधरी, अशोक पटेल, पप्पू, उषा पटेल, रिंकी देवी, वंश नारायण सिंह, ठाकुर प्रसाद सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, बद्री भगत, बनारसी पटेल, ऐनाम खां, रजोश कुमार, राजवंश सिंह, चौधरी कुलदीप सिंह, अभिषेक पटेल, तेजनारायण पटेल, राम अवध पटेल, हरिहर सिंह, राम बिहारी, रजनीश कुमार, विप्लव विकास, रजनीश कुमार, रास बिहारी सिंह, पप्पू चौधरी, अरुणा देवी, राम एकबाल पटेल, राम अशीष पटेल आदि मौजूद थे.

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