सासाराम शहर : गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संचालक शिक्षा विभाग के फरमान को अनसुना कर रहे हैं. सरकार के आदेशानुसार शिक्षा विभाग ने जिले में बिना मान्यता के संचालित हो रहे निजी स्कूलों का निबंधन कराने के लिए 30 सितंबर तक आवेदन जमा करने का अल्टीमेटम दिया था. विभाग की ओर से स्कूल संचालकों को सख्त निर्देश दिया गया था कि उक्त तिथि तक निबंधन के लिए जिस स्कूल का आवेदन जमा नहीं होगा,
उस स्कूल को बंद करा दिया जायेगा. विभाग के इस फरमान के बावजूद बिना निबंधन के दर्जन भर नहीं सैकड़ों निजी स्कूल चल रहे हैं. इन स्कूलों के मालिकों पर इसका असर नहीं पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार, जिले में करीब सात सौ से अधिक निजी स्कूल स्कूल हैं. इसमें 256 ही निबंधन करा सके हैं. वर्तमान समय में मात्र 60 स्कूलों ने निबंधन के लिए आवेदन जमा किया है. बड़ी बात यह है कि करीब चार वर्ष से निबंधन का खेल चल रहा है.
इन वर्षों में जिला शिक्षा परियोजना की ओर से कई बार नोटिस जारी हो चुकी है. लेकिन, स्कूलों पर इसका असर नहीं हो रहा है. हो भी कैसे निबंधन कराने वाले सिर्फ भभकी तक सीमित हैं. अब तक एक भी स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकी है. सूत्र बताते हैं कि कई ऐसे स्कूल हैं, जिनकी सेटिंग ऊपर तक है और वे खुलेआम अपना स्कूल चला रहे हैं. कई ऐसे स्कूल भी हैं, जिन्हें निबंधन तो मिल गया है, लेकिन, निबंधन का शर्त पूरा नहीं करते. जिन्हें देखने के लिए किस कारण से विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को फुरसत नहीं है. समझ से परे हैं. खैर एक बार फिर विभाग जागा है. नोटिस जारी है.
कार्रवाई की बात हो रही है. जिला शिक्षा परियोजना के डीपीओ अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि इस बार कार्रवाई जरूर होगी. कार्रवाई कैसी और कब होगी. अधिकारी के इतने भर बोलने का देखते हैं, निजी स्कूलों के संचालकों पर क्या असर पड़ता है. इनका निबंधन जरूरी है, क्योंकि इन्हीं स्कूलों का राइट टू एजुकेशन के तहत हमारे बच्चे पढ़ रहे हैं. उन्हें कितनी सुविधा मिल रही है. इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए.