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104 तस्कर व धंधेबाज जेल में
शराबबंदी. अब तक उत्पाद विभाग ने 387 बार की छापेमारी हजारों लीटर शराब हो चुकी है बरामद, कई वाहन भी जब्त सबसे अधिक झारखंड से हो रही तस्करी सासाराम (नगर) : प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध के बाद भी शौकीन तक शराब की पहुंच सहजता से हो रही है. इसके लिए तस्करों का नेटवर्क पड़ोसी […]
शराबबंदी. अब तक उत्पाद विभाग ने 387 बार की छापेमारी
हजारों लीटर शराब हो चुकी है बरामद, कई वाहन भी जब्त
सबसे अधिक झारखंड से हो रही तस्करी
सासाराम (नगर) : प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध के बाद भी शौकीन तक शराब की पहुंच सहजता से हो रही है. इसके लिए तस्करों का नेटवर्क पड़ोसी राज्यों से लेकर पीने वालों तक काम कर रहा है़ हालांकि, पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम तस्करी को रोकने में लगी है. काफी मात्रा में शराब की बरामदगी हुई है़
कुछ तस्कर भी पकड़े जा रहे हैं. बावजूद तस्करी रूकने की जगह और तेजी से बढ़ती जा रही है. शराब तस्करी में बेहिसाब मुनाफा देख अब स्वर्ण व्यवसाय से जुड़े लोग भी उतर गये हैं. सबसे हैरानी की बात है कि शराब की तस्करी में अब महिलाएं भी जुड़ी है़ शराब बंदी के बाद जिले में उत्पाद विभाग की टीम ने 387 बार शराब के ठिकानों पर छापेमारी की है.
इसमें अब तक 104 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गये हैं. लगभग पांच हजार लीटर देशी, विदेशी बरामद हुआ है़ हजारों क्विंटल महुआ व कच्चा महुआ बरामद किया गया है. ये आंकड़े सिर्फ उत्पाद विभाग के हैं. जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भी इसी तरह की स्थिति होगी. विभिन्न थाना क्षेत्रों से पुलिस लगभग चार हजार लीटर देशी-विदेशी शराब, 87 तस्कर गिरफ्तार व कई वाहन भी जब्त हुए हैं. आखिर क्या कारण है कि शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का आवक घटने की बजाय बढ़ती जा रही है.
देशी शराब के साथ महिला व एक अन्य गिरफ्तार
सासाराम अमरा तालाब बाजार से एक महिला को शराब बेचते उत्पाद टीम ने गिरफ्तार की है. ठिकाने से शराब पीते एक युवक भी पकड़ा गया है. उत्पाद निरीक्षक फैयाज अहमद ने बताया कि देशी शराब के पाउच के साथ लीलावती देवी को गिरफ्तार किया गया है. ठिकाने से शराब पीते सुनील चौधरी को पकड़ा गया है. दोनों अमरा तालाब बाजार के निवासी है. महिला ने बताया कि पति की मौत के बाद आर्थिक तंगी में परिवार चलाने के लिए शराब बेचती है.
उत्तर प्रदेश व झारखंड से जुड़ा शराब तस्करों का तार
उत्पाद निरीक्षक सह प्रभारी उत्पाद आयुक्त रंजन प्रसाद ने बताया कि रोहतास जिला दो राज्यों की सीमा से लगा है. उत्तर प्रदेश व झारखंड दोनों ही राज्यों की सीमाएं खुली है. दोनों राज्यों से व्यापार जुड़ा है. मुख्य रास्ते को छोड़ दिया जाये, तो भी दर्जनों रास्ते है. इससे शराब की तस्करी आसानी से की सकती है और यही हो रहा है. शराब की तस्करी शराब बंदी के बाद झारखंड से शुरू हुआ. तस्कर ट्रेन व बस से शराब की तस्करी करना शुरू किये.
जब दोनों जगह नजर रखी जाने लगी, तो झारखंड से माल लेकर जिले में आने वाले मालवाहक वाहनों से तस्करी शुरू हो गयी. जब इस पर लगाम लगी, तो लोग निजी वाहन से तस्करी करने लगे. उत्तर प्रदेश के वाराणसी आने-जाने वाले एंबुलेंस से भी शराब बरामद किया गया. गिरफ्तारियां हुई. अधिक मुनाफा देख अब इस धंधे में कई सफेदपोश भी जुड़ गये हैं. सोमवार को शहर के चवंर तकिया मुहल्ला स्थित ज्वेलरी दुकान से शराब की बरामदगी हुई. बड़े तस्कर महिलाओं को पैसे का लालच दे कर कुरियर का काम करा रहे हैं. कई महिलाओं को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया. शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा है. कामयाबी भी मिल रही है. लेकिन, तस्करी नहीं रूक रही.
पहले के शराब माफिया भी जुड़े तस्करी से : इस धंधे में जो पहले मलाई खा चुके हैं. शराबबंदी के बाद इसमें मुनाफा देख शामिल हो गये हैं. शहर में जितने ठिकानों पर शराब बिक रही है. अधिकतर में शराब दुकान के सेल्समैन हैं. बेरोजगार हुए सेल्समैन अब अपने मालिकों के रहमोकरम पर है. परदे के पीछे रह कर माफिया मुनाफे की मलाई खा रहे हैं. शहर के बड़े व्यवसायी शराब तस्करी में जी जान से लगे है.
जिले में शराब की तस्करी रोकने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. सबसे ज्यादा झारखंड से शराब की तस्करी हो रही है. छह सितंबर को कोडरमा में झारखंड के अधिकारियों के साथ बैठक होगी. इस पर सहयोग व रणनीति पर विशेष चर्चा होगी.
मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसपी ,रोहतास
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