सासाराम (रोहतास) : सदर अस्पताल का दंत रोग विभाग से उपचार कराने रोज औसतन 15 मरीज आते हैं, जिनको खाली हाथ ही लौटना पड़ता है़ हालांकि, इस विभाग में सेवा देने के लिए एक डॉक्टर, एक र्नस व एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी कार्यरत हैं.
लेकिन, डेंटल स्कैनर मशीन के काम नहीं करने के कारण उनको इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है़ गौरतलब है कि सदर अस्पताल के ओपीडी में औसतन चार सौ मरीज प्रतिदिन आते हैं. इसमें से औसतन 15 मरीज दांत की बीमारियों के जरूर होते हैं. लेकिन, इन मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ता है़ सदर अस्पताल के दंत रोग विभाग में दो डेंटल स्कैनर मशीन है, लेकिन यह काफी समय से खराब है़ यहीं नहीं दांत की बीमारी से संबंधित दवाएं भी ओपीडी के दवा भंडार में नहीं है.
कई बार हुआ पत्राचार
ऐसा नहीं है कि डेंटल स्कैनर मशीनों की मरम्मती के लिए पत्राचार नहीं हुआ. कई बार विभाग के डॉक्टर ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, सिविल सर्जन व जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र लिख मशीनों की मरम्मत कराने के लिए गुहार लगाये. लेकिन, चार सिविल सर्जन आये और गये व दो डीपीएस भी रहे लेकिन, मशीनों की मरम्मती नहीं हो सकी. ऐसा नहीं कि किसी ने कोशिश नहीं की सभी ने कोशिश की. लेकिन, शायद ईमानदार प्रयास किसे ने नहीं किया. इसका आज भी खमियाजा गरीब परिवार के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
जिला स्वास्थ्य समिति के पूर्व डीपीएम सुनील कुमार जायसवाल ने बताया कि डेंटल स्कैनर मशीन एक पहले से थी. दूसरे की खरीद कर वर्ष 2012-13 में हुई थी. एक मशीन की कीमत उस समय करीब तीन लाख रुपये थी. अब तो उसकी वारंटी समाप्त हो चुकी होगी. वहीं, रोगी कल्याण समिति के कर्मचारी उज्जवल कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 के शुरुआत में 14 हजार रुपये खर्च कर मशीन की मरम्मती करायी गयी थी. इसके बाद से किसी तरह के खराबी की सूचना समिति को नहीं मिली है.
करायी जायेगी मरम्मत
डेंटल स्कैनर मशीन सीएस डाॅ रामजी सिंह के कार्यकाल में आयी थी. उस समय कुछ मरीजों को उसका लाभ मिला था. सीएस डाॅ अशोक कुमार सिंह के कार्यकाल में एक बार मशीन की मरम्मत हुई थी. इस के बाद के सीएस सिर्फ कहते रहे. लेकिन, मशीनें नहीं चली. वर्तमान सीएस डाॅ नवल किशोर प्रसाद सिन्हा ने कहा कि डेंटल स्कैनर मशीन की खराबी की सूचना नहीं है. मशीन खराब है, तो इसकी मरम्मत करायी जायेगी. देखना है कि मशीन कब चालू होती है और गरीब मरीजों को इस का लाभ मिलता है.