पहल. लंबे समय के बाद शहर में बस पड़ाव बनने की जगी उम्मीद
साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बस पड़ाव को पूर्ण करने के लिए एक से डेढ़ वर्ष तक का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए तीन एकड़ भूमि जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी है.
सासाराम (शहर) : वर्षों से चला आ रहा नये बस पड़ाव पर गतिरोध आखिर समाप्त हो गया. बुधवार को शहर के पश्चिमी छोर पर वनरसिया गांव के समीप नये बस पड़ाव की आधारशिला रख दी गयी. बहुप्रतिक्षित इस बस पड़ाव को लेकर लोगों में आशा की किरण जगने लगी है.
लंबे समय से स्थानीय लोग नये बस पड़ाव की मांग कर रहे थे. साढ़े तीन करोड़ की लागत से बन रहे बस पड़ाव को पूर्ण करने के लिए एक से डेढ़ वर्ष तक का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिये तीन एकड़ भूमि जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी है. हालांकि, बस पड़ाव के लिए नाकाफी है. लेकिन, लोगों को संतोष है कि शहर के मध्य से बस पड़ाव के हटने से प्रतिदिन के जाम से मुक्ति मिलेगी. शहर का विस्तार होगा. रोजगार के साधन बढ़ेंगे.
सिंचाई विभाग की भूमि पर विधायक डाॅ अशोक कुमार ने बस पड़ाव का शिलान्यास किया. शिलान्यास के मौके पर नगर पर्षद कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार, विनोद कुमार, मनोज कुमार, अरुण कुमार, विजय कुमार, उमेश कुमार, वार्ड पार्षद सतीश कुमार, सुहैल अंसारी, संजय गुप्ता, रोहित गुप्ता, श्याम चौरसिया, सलाम बेग, ठाकुर कुशवाहा, संतोष मास्टर, ललन महतो, राजेश्वर कुशवाहा, कमलेश कुशवाहा सर्वजीत खालसा, अशोक ओझा, अमर कुमार मुखिया, बेचू महतो, जितेंद्र नटराज, जितेंद्र कुमार व आलोक कुमार आदि उपस्थित थे.
जल्द होगा काम शुरू : जल संसाधन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त होते ही बस पड़ाव के लिए शिलान्यास करने की तैयारी होने लगी. इस क्रम में विधायक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि कई मंत्रियों से उक्त तिथि को शिलान्यास करने के लिए बात की गयी. परंतु, व्यस्त होने के कारण कोई मंत्री नहीं आ सके. काम जल्दी शुरू हो सके इसके लिये शिलान्यास करना जरूरी था.
साढ़े तीन करोड़ की लागत से बनेगा बस पड़ाव
नये बस पड़ाव के लिए लगभग एक वर्ष पूर्व बिहार अजन डेवलपमेंट कार्पोरेशन के अंतर्गत टेंडर हुआ था, जिसमें साढ़े तीन करोड़ रुपये निर्माण कराने को ले कर निर्धारित हुआ. जल संसाधन विभाग को नये बस पड़ाव के लिए भूमि उपलब्ध कराना था, जिसमें अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने में महीनों लग गये. बाद में सासाराम विधानसभा क्षेत्र के विधायक डाॅ अशोक कुमार की पहल करने पर मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त हो सका. प्रमाणपत्र प्राप्ति के महज एक सप्ताह के बाद बस पड़ाव की आधारशिला रखी गयी.
पूर्व में भी हो चुकी है जमीन की नापी
बस पड़ाव के निर्माण को लेकर पहले की लगभग आधा दर्जन बार स्थल चयनित करने की प्रक्रिया व इसकी नापी हो चुकी है. शहर के पूर्वी छोर पर एसपी जैन कॉलेज के समीप भूमि की नापी हो चुकी थी. परंतु, बात नहीं बनी. पुनः फोर लेन के किनारे बभन गांव के समीप बिहार सरकार की भूमि पर मापी हुई थी. नये बस पड़ाव के निर्माण को लेकर शहरवासी करीब 15 वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं.
जाम की समस्या से मिलेगी निजात
नये बस पड़ाव के शिलान्यास होने से लोगों की उम्मीद जगने लगी है. वर्षों से जाम की समस्या का दंश झेल रहे शहरवासियों के दिन अब बहुरनेवाले हैं. शहर के मध्य बस पड़ाव होने के कारण आये दिन जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. बस पड़ाव से निकले बस व बड़े वाहनों को मुख्य सड़क तक तकरीबन दो सौ मीटर की दूरी तय करने में 20 मिनट से अधिक का समय लगता है.
अधिक सवारी बैठाने को लेकर बस चालक अपने वाहनों को सड़क के बीचोबीच खड़े कर देते हैं, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है. बाजार के बीच से बड़े वाहनों के आवाजाही के कारण भी जाम की समस्या उत्पन्न होती है. आये दिन जाम में फंस कर यात्री गरमी से बेहाल हो जाते हैं. सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को होती है. भूख और प्यास से छोटे छोटे बच्चे कराह उठते हैं.