रोहतास उद्योग समूह में काम करने वाले मजदूरों व उनके परिवारों के लिए राहत वाली सूचना है कि उनका बकाया वेतन तैयार हो गया है. उसका भुगतान भी जल्द ही होने वाला है. इसके लिए हाइकोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा है.
दो से ढाई हजार लोगों का बकाया है वेतन
डेहरी ऑन सोन : रोहतास उद्योग समूह के मजदूरों व उनके आश्रितों के बकाये का भुगतान शीघ्र होगा. प्रबंधन ने भुगतान की सारी तैयारी पूरी कर ली है. बस कोर्ट के आदेश का इंतजार है. इसके बाद समझौता के तहत तय रुपये खातों में भेज दिया जायेगा.
स्थानीय प्रबंध की माने, तो करीब नौ सौ मजदूरों का पेमेंट भुगतान करने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. हालांकि, अभी भी बहुत से ऐसे मजदूर व उनके आश्रित वंचित रह जायेंगे, जिनके कागजात समय पर उपलब्ध नहीं कराये जा सके है. जानकारी मिली है कि यह भुगतान मार्च, 2015 तक करना था. लेकिन, कुछ तकनीकी कारणों के कारण विलंब हुआ है. हाइकोर्ट के निर्देशन में ऐसे मजदूरों के बकाया का भुगतान हो रहा है, जो कंपनी व मजदूरों के बीच का सेटलमेंट है.
ग्रेच्यूटी, ग्रेड पे, इंक्रीमेंट सुविधा आदि को जोड़ते हुए भुगतान की मांग करने वाले अभी भी करीब पांच सौ मजदूर कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं. इस पर फैसला आना बाकी है. इधर, भुगतान के बाद कई तरह के सपने पूरे करने के इंतजार में मजदूर व उनके परिवार बैठे हुए हैं.
एक-एक पाई के लिए लड़ेंगे : भुगतान की लड़ाई लड़नेवाले मजदूर संठनों में से एक संघर्षशील श्रमिक संघ के नेता अशोक बैठा ने कहा कि मजदूरों के क्लेम के करीब छह सौ करोड़ रुपये के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाते रहेंगे. फिलहाल 486 मजदूरों का केस हाइकोर्ट में फाइल किया है. इसका निर्णय आना बाकी है.
बहुत पुराना है मामला
रोहतास उद्योग समूह में मालिक द्वारा अचानक तालाबंदी करने के बाद उद्योग समूह के मजदूर कोर्ट में चले गये. मजदूरों के आवेदन संख्या 03/04 पर निर्णय देते हुए हाइकोर्ट ने उनके लिए तय राशि का शत प्रतिशत भुगतान का आदेश दिया था. आदेश से 11,926 मजदूरों को सीधा लाभ देना था. 22 नवंबर, 2013 को एक आदेश के तहत हाइकोर्ट ने कंपनी के खाते में जमा 112 करोड़ रुपये में से भुगतान की प्रक्रिया शुरू करायी.
कागजात जमा नहीं करने से हो रही परेशानी
रोहतास उद्योग समूह के स्थानीय प्रबंधक भारत राय वर्मा कहते हैं कि नौ सौ मजदूरों का पेमेंट बन कर तैयार है. बस हाइकोर्ट से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. भुगतान के लिए समय पर बहुत लोग उचित कागजात जमा नहीं किये. इस वजह से पेमेंट करने में परेशानी हो रही है. रोहतास उद्योग समूह के करीब 22-23 सौ मजदूरों का बकाया भुगतान रह गया है.