सासाराम ग्रामीण : जिले में सोमवार को वट सावित्री व्रत मनाया जायेगा. इसमें सुहागिन महिलाएं व्रत रख कर वट वृक्ष की विशेष पूजा-अर्चना करेंगी. जानकारों के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत के पूजन का विधान है. वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामना और पति की दीर्घायु के लिए वटवृक्ष की पूजा-अर्चना कर व्रत करती हैं. वट सावित्री व्रत में ‘वट’ और ‘सावित्री’ दोनों का विशेष महत्व माना गया है.
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वट सावित्री व्रत आज, सुहागिन करेंगी सुखद वैवाहिक जीवन की कामना
सासाराम ग्रामीण : जिले में सोमवार को वट सावित्री व्रत मनाया जायेगा. इसमें सुहागिन महिलाएं व्रत रख कर वट वृक्ष की विशेष पूजा-अर्चना करेंगी. जानकारों के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत के पूजन का विधान है. वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामना और पति की […]
इस दिन महिलाएं समूह में या अकेले ही आकर वट वृक्ष के पास अपने पति की लंबी आयु के लिए पूजा-अर्चना करती है. आचार्य कृष्णा कांत दूबे ने बताया कि सावित्री भारतीय संस्कृति में ऐतिहासिक चरित्र माना जाता है. सावित्री का अर्थ वेद माता गायत्री और सरस्वती भी होता है. सावित्री का जन्म भी विशिष्ट परिस्थितियों में हुआ था. कहते हैं कि भद्र देश के राजा अश्वपति के कोई संतान न थी.
उन्होंने संतान की प्राप्ति के लिए मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिदिन एक लाख आहुतियां दीं. अठारह वर्षों तक यह क्रम जारी रहा. इसके बाद सावित्रीदेवी ने प्रकट होकर वर दिया कि ‘राजन तुझे एक तेजस्वी कन्या पैदा होगी.’ सावित्रीदेवी की कृपा से जन्म लेने की वजह से कन्या का नाम सावित्री रखा गया. ऐसे ही मान्यता के अनुसार वट साव्रती व्रत किया जाता है. इस पूजा को पुरी तरह से सात्विक हो करना चाहिए.
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