संझौली : प्रखंड क्षेत्र सहित कई गांवों के किसान खेतों में लगाये गये धान के पौधे सुखाने से चिंतित है. किसान नेम लाल सिंह, खुशन सिंह, सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सुख रहे पौधों के जड़ लाल होने के साथ पौधे सुखाने लगते है.
किसान रविंद्र सिंह, जगदेव सिंह की माने तो धान की खेती करने में किसानों को काफी परिश्रम करने के साथ ही लागत खर्च भी अधिक आती है. धान में लगे रोग से उपज प्रभावित होने की आंशका से किसान चिंतित है.
पानी कम होने व धूप तेज होने से लगे कीड़े: कृषि विज्ञान केंद्र, बिक्रमगंज के कृषि वैज्ञानिक डॉ देवेंद्र मंडल ने बताया कि खेतों में कम पानी होने व तेज धूप होने के कारण पौधों में तना छेदक कीड़ा लग गये है.
जिससे पौधे सुख रहे है. रोग लगे पौधों को बचाने के लिए ढाई किलो फोरेट 10 ग्राम प्रति बिगहा छिड़काव करें. या मोनोक्रेटो फोर्स दो मिली लीटर प्रति लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें. वहीं सबौर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ अमरेंद्र ने बताया कि किसान भाई साफ नामक दवा दो ग्राम प्रतिलीटर पानी में मिला कर फसल में छिड़काव करें.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर की ही अनुसंधान उप निदेशक शैल बाला डे ने कहा कि किसान भाइयों को कृषि संबंधित किसी तरह की कोई परेशानी जैसे बीज, रोग, दवा, सिंचाई आदि कोई जानकारी लेनी हो तो टॉल फ्री नंबर 18001801551 पर संपर्क करें. हमारे विशेषज्ञ किसान भाइयों को उचित जानकारी देंगे.
आम किसानों का मत : कृषि संबंधित जानकारियों के संबंध में कई किसानों ने बताया कि सभी किसान कृषि विज्ञान केंद्र तक नहीं पहुंच पाते या मोबाईल से संपर्क कर जानकारी नहीं ले पाते है. जिसके चलते परेशानी बनी रहती है. अगर गांव में समय, समय पर कृषि चौपाल लगाकर किसानों को कृषि वैज्ञानिक द्वारा कृषि संबंधी जानकारियां दी जाये तो किसानों को काफी सुविधा के साथ जानकारियां मिलती रहेगी.