पूर्णिया : कृषि मंडी गुलाबबाग के अंदर दुकानदारों और कारोबारियों को कृषि बाजार समिति द्वारा आवंटित दुकानों का सर्वे जिला प्रशासन की टीम ने शुरू कर दिया है . इस सर्वे के शुरू होने के साथ ही एक बार फिर से गुलाबबाग मंडी में हलचल शुरू हो गयी और मंडी में कई दुकानें खुलती और बंद होती रहीं.
जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल के निर्देश पर छह सदस्यीय टीम में शामिल एडीएम बालेश्वर प्रसाद, एडीएम मधुकांत प्रसाद, सदर अनुमंडल पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह ,सदर एसडीपीओ राजकुमार साह,वाणिज्य कर विभाग के महेंद्र बैठा और प्रमंडलीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल कुमार मंडल शामिल थे. टीम के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को करीब चालीस दुकानों का सर्वे किया गया है. यह सर्वे मंडी की सभी दुकानों का किया जायेगा.
कृषि मंडी में किराना, अनाज और आलू प्याज एवं अन्य व्यापार को लेकर कारोबारियों को विभाग द्वारा आवंटित दुकानें किसके नाम पर हैं और वर्तमान में कौन उस दुकान में काम कर रहा है. इसका पता लगाने की मुहिम जिला प्रशासन की ओर से शुरू की गयी है. गौरतलब है कि मंडी समिति में करीब चार सौ से अधिक दुकानें और गोदाम है जिन्हें कारोबारियों को एलॉट किया गया है. इसमें किराना ,गल्ला, अनाज सहित अन्य कृषि जींस और कॉस्मेटिक की दुकानें सजती हैं. शनिवार को अचानक सर्वे टीम के मंडी में पहुचने के बाद मंडी में घंटो अफरातफरी मची रही. हालांकि सर्वे में शामिल अधिकारी सर्वे के दौरान दुकानदारों से कृषि उत्पादन बाजार समिति द्वारा एलॉटमेंट की कॉपी और फॉर्म मांग कर सूचीबद्ध कर रहे थे .
इस दौरान दुकानदार से लेकर अनाज कारोबारी भी परेशान रहे. दरअसल जिला प्रशासन द्वारा सर्वे के माध्यम से मंडी में कार्यरत दुकानदारों की सत्यता जानने के लिए उनसे दुकान से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने को कहा गया ,जिससे यह पता लगाया जा सके की कौन सी दुकान कौन चला रहा है . साथ ही यह स्पष्ट हो सके की कौन से लोग मंडी में दुकान एलॉटमेंट कराकर भाड़े पर चला रहे हैं.
जांच से बढ़ेगी कारोबारियों की मुश्किल : कोई भी दुकानदार खुलकर सामने आने और कुछ कहने को तैयार नहीं है, लेकिन नाम नहीं छापने की शर्त पर कई दुकानदारों ने कहा कि वर्ष 2006 में बाजार समिति के विस्मृत होने के बाद बाजार समिति का लाइसेंस कुछ दिनों बाद आवश्यक जरूरतों से दूर हो गया. रिन्यूवल के नाम पर लाइसेंस वर्षों पहले बाजार समिति में जमा हुआ तो वापस नहीं मिला, जो भाड़े की रसीद कटती थी उसी के आधार पर दुकानदार भाड़ा देते और दुकानदारी करते आ रहे है. अब इतने दिनों बाद इस तरह का सर्वे और कागजातों की डिमांड कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ायेगा.
टीम ने लिये दाल और चावल के नमूने
सर्वे के दौरान मंडी में मौजूद खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल कुमार मंडल ने मंडी के चावल दुकान भंवरलाल डागा के चंदन इंटरप्राइजेज से चावल की सैंपलिंग की. वही ए ब्लॉक के ही कामाख्या ट्रेडिंग से चना दाल का नमूना संग्रहित कर उसे लेबोरेटरी जांच के लिए सीलपैक किया. इस दौरान सभी टीम सदस्य भी मौजूद थे. बता दें कि बीते मंगलवार को धनिया पकड़े जाने के बाद बुधवार को मिलावटी सामानों की जांच के लिए डीएम ने निर्देश जारी किया था जिसके आलोक में लगातार बाजारों से खाद्य पदार्थों का सैंपल लिया जा रहा है.