पूर्णिया : शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए पांच करोड़ की राशि से बन रही शहर की दूसरी बड़ी प्रमुख सड़क आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. न तो जाम का समाधान हुआ और न ही आम लोगों की सुविधा ही बढ़ी.
ज्ञात हो कि इस सड़क के जीर्णोद्धार की शुरुआत तीन साल पूर्व हुई थी, जो आज भी नहीं बन पायी है. उल्टे यह रोड शहर वासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. न सड़क की नापी हुई और न ही इसके अतिक्रमणकारियों को हटाया जा सका. इसी वजह से नाला निर्माण एवं रोड का निर्माण भी अमूमन बाधित सा है. कहीं-कहीं नाला बना और कहीं नाला गायब है.
आधा अधूरा रोड एवं नाला को देखकर लोग बोलने लगे हैं कि यहां लगता ही नहीं है कि कोई जनप्रतिनिधि अथवा प्रशासन है. किसी को भी इस जनसमस्या से मतलब नहीं है. सदर एसडीओ रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह के काफी मशक्कत के बाद कुछ अंश पर नाला बनवाया जा रहा है. अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ फुटकर दुकानदारों को हटा दिया गया मगर जिन लोगों ने जबरदस्ती सड़क की जमीन का अतिक्रमण कर अस्थायी घर बना लिया है उनको छुआ तक नहीं गया.
अतिक्रमण बनी है सबसे बड़ी समस्या : गंगा-दार्जिलिंग सड़क अतिक्रमण से दबा हुआ है. आम लोगों की नीयत भी ठीक नहीं है. जिसका परिणाम है कि सड़क निर्माण बाधित पड़ा हुआ है. करीब आठ माह पहले डीएम द्वारा अधिकारियों को सड़क की मापी करा कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था. लाइन बाजार के पास दवा दुकानदारों एवं क्लिनिक चलाने वालों ने सड़क तक कब्जा बना रखा है. चलती फिरती दुकानें सड़क पर सजती है और वाहन भी सड़क पर ही लगती है.