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खुशबू व अदिति हत्याकांड बनी है मिस्ट्री

रिटायर्ड इंजीनियर व दिलवर हत्याकांडी की भी नहीं सुलझी गुत्थी पूर्णिया : वर्ष 2015 में हुए दो हत्याकांड दिलवर आलम व रिटायर्ड इंजीनियर योगेंद्र मंडल तथा वर्ष 2016 में हुई खुशबू व अदिति की हत्या लोगों के लिए आज भी मिस्ट्री बनी हुई है. एक ओर जहां चर्चित गीता देवी हत्याकांड, बौआ झा हत्याकांड एवं […]

रिटायर्ड इंजीनियर व दिलवर हत्याकांडी की भी नहीं सुलझी गुत्थी

पूर्णिया : वर्ष 2015 में हुए दो हत्याकांड दिलवर आलम व रिटायर्ड इंजीनियर योगेंद्र मंडल तथा वर्ष 2016 में हुई खुशबू व अदिति की हत्या लोगों के लिए आज भी मिस्ट्री बनी हुई है. एक ओर जहां चर्चित गीता देवी हत्याकांड, बौआ झा हत्याकांड एवं अजय मंडल हत्याकांड जैसे बेहद उलझे मामले को सुलझाने में पुलिस को कामयाबी मिली, वहीं दिलवर, योगेंद्र मंडल, खुशबू एवं अदिति हत्याकांड के खुलासे पर आज भी परदा पड़ा है. वैज्ञानिक अनुसंधान का दावा करने वाली पुलिस उन मामलों में सफलता हासिल कर लेती है, जो हाइप्रोफाइल होते हैं अथवा वरीय पदाधिकारियों का लगातार दबाव रहता है. पर,
यही वैज्ञानिक अनुसंधान आम लोगों के मामले में क्यों दम तोड़ देता है, यह सवाल उठना लाजिमी है. सहायक खजांची थाना क्षेत्र के सज्जाद नगर में इंटर के छात्र दिलवर आलम, मरंगा थाना क्षेत्र के बसंत बिहार के रिटायर्ड इंजीनियर योगेंद्र मंडल, केहाट थाना क्षेत्र के शिवाजी कॉलोनी की खुशबू सिन्हा व माउंट जियोन स्कूल की छात्रा अदिति की हत्या रहस्यों से घिरी है.
कौन थी दिलवर की दिलरूबा
25 जुलाई, 2015 को सज्जाद नगर में इंटर के छात्र दिलवर की निर्मम हत्या धारदार हथियार से कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में पुलिस को अहम सुराग मिले. इसके बावजूद अब तक कांड का खुलासा नहीं हो सका. तकनीकी शाखा की मदद से दिलवर के बरामद मोबाइल के कॉल डिटेल भी खंगाले गये. पुलिस द्वारा यह कह कर पल्ला झाड़ लिया गया कि दिलवर की हत्या प्रेमप्रसंग में हुई, लेकिन दिलवर की प्रेमिका कौन थी व हत्यारे कौन थे यह आज भी रहस्य बना हुआ है. इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है.
संपत्ति के लिए इंजीनियर की हत्या
इंजीनियर योगेंद्र मंडल की हत्या उनके घर पर 23 दिसंबर 2015 की रात चाकू गोद कर की गयी. इंजीनियर की हत्या किसी सस्पेंस फिल्म की पटकथा जैसी प्रतीत होती है. हत्या के एक वर्ष तीन माह बीत जाने के बाद भी पुलिस इसे सुलझा नहीं सकी है. वजह यह है कि मृत इंजीनियर की दैनिक जिंदगी ही सवालों के घेरे में रही है. पुलिसिया अनुसंधान में मृत के दत्तक पुत्र बसंत बिहार का रिक्की सिंह, भतीजा आशीष कुमार अंकू व पड़ोस के रिश्तेदार मृत्युंजय मंडल संदेह के घेरे में हैं. हत्याकांड के नामजद अभियुक्त रिक्की सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस मामले में अब अनुसंधान ठहराव के स्तर पर पहुंच चुका है.
खुशबू हत्याकांड में तीसरा शख्स था मौजूद
09 जुलाई, 2016 की देर रात शिवाजी कॉलोनी में दवा कंपनी के एरिया मैनेजर प्रवीण सिन्हा की पत्नी खुशबू सिन्हा की निर्मम हत्या गला रेत कर की गयी थी. इस हत्याकांड में वैज्ञानिक अनुसंधान का सहारा लिया गया. एफएसएल की टीम ने बारीकी से घटनास्थल की जांच कर साक्ष्य संकलन किया. पुलिस ने पति प्रवीण सिन्हा को हत्यारा मान कर जेल भेज दिया. अब तक के अनुसंधान में भले ही प्रवीण सिन्हा हत्यारे के रूप में सामने आ रहा है, लेकिन तमाम कवायद के बावजूद पुलिस पूछताछ में प्रवीण से कुछ हासिल नहीं कर सकी, जबकि परिस्थितिजन्य साक्ष्य बताते हैं कि हत्या की रात तीसरा शख्स भी वहां मौजूद था. खुशबू के गायब मोबाइल ने पुलिस की उलझनें बढ़ा दीं.
अदिति हत्याकांड सोची समझी साजिश
29 जुलाई, 2016 को माउंट जियोन स्कूल की पहली क्लास की छात्रा अदिति राज की मौत स्कूल में लंच के दौरान हुई. बेसरा रिपोर्ट से स्ष्ट हो गया कि उसकी मौत जहर खाने से हुई, लेकिन जहर किसने व क्यों दिया यह अब भी रहस्य बना हुआ है. मृतका के परिजन स्कूल प्रबंधन को मौत का जिम्मेवार मान रहे हैं, जबकि स्कूल प्रबंधन इससे साफ तौर पर इनकार कर रहा है. अदिति की मौत एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. इसलिए जहर कहां से आया, यह पता लगाने से अधिक कारण का पता लगाना जरूरी हो गया है. पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ के बाद ही इस मर्डर मिस्ट्री का पता चल सकेगा. फिलहाल अदिति का मामला में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

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