दिक्कत. जिले के अधिसंख्य एटीएम रहे कैशलेस
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बैंकों में हड़ताल से करोड़ों का कारोबार प्रभावित
दिक्कत. जिले के अधिसंख्य एटीएम रहे कैशलेस बैंकों में बुधवार को हड़ताल की वजह से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बैंक बंद होने पर लोग एटीएम पहुंचे, पर अधिसंख्य एटीएम मंे रुपये ही नहीं थे. पूर्णिया : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को सभी सरकारी बैंकों में हड़ताल […]
बैंकों में बुधवार को हड़ताल की वजह से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बैंक बंद होने पर लोग एटीएम पहुंचे, पर अधिसंख्य एटीएम मंे रुपये ही नहीं थे.
पूर्णिया : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को सभी सरकारी बैंकों में हड़ताल रही. इसके समर्थन में निजी बैंकों के कर्मियों ने भी अपनी शाखाएं बंद रखीं. इस एक दिवसीय हड़ताल की वजह से जिले में करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ. वहीं आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. दूसरी तरफ बड़ी संख्या में एटीएम भी बंद रहे. जो खुले रहे, वह कैशलेश पाये गये. लिहाजा ग्राहकों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ा. गौरतलब है कि जिले में कुल 26 बैंकों की 183 शाखा मौजूद है.
कर्मियों ने दिया धरना : एसबीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के मुख्य गेट के सामने बैंक कर्मियों ने शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया और मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. धरना पर बैठे संगठन के संयोजक मधुरेश कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकार व बैंक प्रबंधन कर्मियों के हक पर लगातार कुठाराघात कर रही है. नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मियों द्वारा रात-दिन कार्य करने के एवज में उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला. साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा सरकार द्वारा अपने-अपने कर्मचारियों के लिए बढ़ायी गयी सीमा के बराबर करने की मांग की गयी. इसके अलावा अनुकंपा पर बहाली की मांग व बैंकों में रिक्त पदों पर ससमय बहाली की भी मांग की गयी. श्री सिन्हा ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. धरना प्रदर्शन में अरुण कुमार वर्मा, अजय कुमार दास, सुशील कुमार शर्मा, हिमांशु शेखर प्रसाद, राजकुमार राज, जगदीश प्रसाद यादव, प्रदीप कुमार रजक, निशांत निरूपय, मनोज कुमार, रामविलास कामत, राजेश कुमार केसरी, पंकज कुमार सिंह, भवेश मिश्रा, किशोर कुमार साह आदि उपस्थित थे. वहीं उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के सभी शाखा में भी हड़ताल रहा. हड़ताल को सफल बनाने में अभय कांत झा, संजय कुमार गुप्ता, पंकज कुमार, अभिषेक सन्नी, अभय पांडेय, रत्नेश्वर झा, मदन मोहन दूबे आदि की भी सक्रिय भूमिका रही.
एटीएम में भी रही अघोषित हड़ताल
जिले में कुल 113 एटीएम हैं, जहां बैंकों की तरह ही अघोषित हड़ताल रही. शहर के दो-चार एटीएम को छोड़ कर लगभग सभी एटीएम बंद रहे. लोग दिन भर रुपये निकालने के लिए एटीएम का चक्कर लगाते रहे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. मधुबनी शास्त्रीनगर निवासी अमर कुमार सिन्हा ने बताया कि उनका पुत्र चंडीगढ़ में पढ़ता है और मंगलवार को उनके पुत्र को वापस जाना है. पर, बैंक व एटीएम दोनों से खाली हाथ लौटना पड़ा है. लाइन बाजार में एक निजी अस्पताल में अपनी पत्नी का इलाज कराने पहुंचे बायसी के मो जहांगीर ने बताया कि ंएटीएम से पैसे की निकासी कर इलाज कराने को सोचा था, लेकिन अब तक हाथ खाली ही हैं.
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