कसबा : नगर पंचायत अध्यक्ष तथा कार्यपालक पदाधिकारी के बीच टकराहट की स्थिति रहने से विकास कार्य बाधित हो गया है. बताया जाता है कि मंगलवार को कार्यपालक पदाधिकारी एवं अध्यक्ष के बीच उस समय टकराहट की स्थिति पैदा हो गयी जब अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पूर्व में उनके द्वारा निकाले गये टेंडर को कार्यपालक द्वारा रद्द करते हुए पुन: नया टेंडर निकालने की सिफारिश की गयी है. वहीं कार्यपालक पदाधिकारी इन्दुमति देवी का कहना था कि तीन महीने की अवधि बीत जाने पर टेंडर को रद्द करने का अधिकार उसे है. इसी नियम के तहत रद्द किया गया है. अध्यक्ष ने कहा कि टेंडर कराने में 90 हजार रुपये का खर्च होगा.
पुन: टेंडर कराने पर खर्च की राशि नगर पंचायत वहन नहीं करेगी. अध्यक्ष ने सीधा आरोप लगाया कि आपसी तनाव पैदा कर नगर के विकास कार्यपालक पदाधिकारी बाधा डालना चाहती है. एक सदस्य ने अपना नाम नहीं छापने के अनुरोध पर प्रभात खबर को बताया कि महीने में एक बार बैठक होनी चाहिए. किंतु पिछले दो-तीन महीनों से बैठक नहीं बुलाया जाना तथा सभी पार्षदों को नगर विकास में हो रहे कार्यों की जानकारी से वंचित रखना काफी दुखद है. दूसरी तरफ विवाद की वजह से आम लोगों का कार्य प्रभावित हो रहा है.