पुल संख्या-47 के पास बुधवार को स्थिति का जायजा लेते अधिकारी.
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परिचय- प्रवचन देते संत कोसी में ढह गया रेल ब्रिज का एप्रोच बोल्डर
पुल संख्या-47 के पास बुधवार को स्थिति का जायजा लेते अधिकारी. सिमरी : पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड फनगो हॉल्ट के पुल संख्या-47 के समीप बुधवार सुबह ब्रिज के एप्रोच बोल्डर के ढह जाने से दिन भर रेल से जुड़े अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा. इसके बाद दोपहर दो बजे के करीब सहरसा से […]
सिमरी : पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड फनगो हॉल्ट के पुल संख्या-47 के समीप बुधवार सुबह ब्रिज के एप्रोच बोल्डर के ढह जाने से दिन भर रेल से जुड़े अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा. इसके बाद दोपहर दो बजे के करीब सहरसा से रेल अधिकारियों की टीम सड़क मार्ग से फनगो पहुंची. अधिकारियों की टीम में शामिल एडीइएन एमके मंडल, सीनियर सेक्शन इंजीनियर इलियास अंसारी आदि ने पुल संख्या-47 के समीप लगभग
कोसी में ढह…
एक घंटे तक स्थिति का जायजा लिया और सीनियर सेक्शन इंजीनियर राकेश कुमार को जरूरी दिशा-निर्देश दिया. इसके बाद आनन-फानन में बोल्डर सहित जियो बैग गिराने का काम शुरू हुआ. जो देर रात तक जारी रहा. इधर पुल संख्या- 47 पर बुधवार को जलस्तर साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचते हुए 37.01 हो गया. वहीं स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को रेलवे द्वारा प्रहरी की संख्या बढ़ाते हुए रात्रि में पीडब्ल्यूआइ कुमार गौरव की एक बार फिर से ड्यूटी लगा दी गयी है.
बीते दो दिनों से कोसी बराज से छोड़े गये पानी की वजह से बुधवार सुबह पुल के पास जलस्तर में जबरदस्त वृद्धि हो गयी. पानी का वेग ज्यादा होने की वजह से पुल के किनारे लगे बोल्डर ढह गये. इससे ट्रैक धंसने का खतरा बन गया. वहीं रेल से जुड़े जानकर बताते हैं कि वर्ष 2005 में यहीं पर बोल्डर ढह जाने के बाद पानी के जबरदस्त वेग की वजह से ट्रैक धंस गया था. इसकी वजह से लगभग एक सप्ताह तक रेलमार्ग बंद रहा था.
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