पूर्णिया: चारा घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को फंसाया गया है. उनके ऊपर न तो भ्रष्टाचार का आरोप है और न ही घूसखोरी का. उक्त बातें लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव कही. श्री यादव सोमवार को पूर्णिया स्थित जिला परिषद के डाक बंगला में पत्रकारों से बातचीत कर
रहे थे. वे यहां युवा राजद के बैनर तले युवा सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत करने आये थे.
उन्होंने कहा कि चारा घोटाला वर्ष 1977 से ही चला आ रहा था. लालू प्रसाद 1990 में सत्ता में आये. उन्होंने सत्ता में आने के बाद इस घोटाले की गहन जांच टीम गठित करवायी. गहन जांच में कद्दावर नेताओं के नाम सामने आने लगे थे. एक साजिश के तहत अन्य कद्दावर लोगों के नाम हटा कर लालू प्रसाद को फंसाया गया. उन्होंने कहा कि लालू के ऊपर भ्रष्टाचार, घूसखोरी अथवा जमाखोरी का आरोप नहीं है. उनके ऊपर धारा 120 बी के तहत साजिश का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं सीबीआइ द्वारा उनके घरों की तलाशी करवायी गयी. सारे रिश्तेदारों के घरों में जांच करवायी गयी. सभी रिश्तेदारों के एकाउंट खंगाले गये, लेकिन कहीं कुछ
नहीं मिला.
उन्होंने कहा कि यह बात समझ में नहीं आती कि लालू प्रसाद साजिश क्यों करेंगे? उन्होंने कहा कि साजिश तो लोग पद और पैसे के लिए करते हैं. जिस समय की यह घटना है उस समय लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे ही और जांच में कहीं कुछ नहीं मिला, तो साजिश का आरोप भी कहां तक जायज लगता है. उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि इस प्रकरण में राजनीतिक दुर्भावना प्रभावी रही है. इस मामले में जानबूझ कर मुद्दई को मुद्दालय बनाया गया है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के ऊपर उन्हें भरोसा है. उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.