पूर्णिया: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूर्णिया अन्य जिलों को पछाड़ कर पहले पायदान पर आ पहुंचा है. पूर्णिया ने दवा वितरण व्यवस्था से लेकर परिवार नियोजन, जननी बाल सुरक्षा योजना समेत तमाम योजनाओं में उपलब्धियों के परचम लहराये हैं. कुछ एक प्रखंडों को छोड़ कर शेष सभी प्रखंडों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई है.
शायद इन्हीं कारणों से पूरे बिहार में पूर्णिया रैंकिंग में प्रथम स्थान पर खड़ा है. जिले में जहां स्वास्थ्य सेवाएं दयनीय है, वहां विभाग ने बेहतर करने की कड़ी हिदायत दी है.
दवा वितरण में बेहतर रहा पूर्णिया : विभागीय सूत्रों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल माह से अब तक लगभग तीन करोड़ से अधिक दवा की खपत हो चुकी है. दवा की उपलब्धता के कारण जिले में सरकारी अस्पतालों के प्रति मरीजों का विश्वास बढ़ा है. अकेले सदर अस्पताल में रोजाना 800 से अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. लोगों को यहां प्राय: हर दवा उपलब्ध हो रही है. पीएचसी में भी पचास से अधिक ओपीडी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
रैंकिंग में अव्वल रहा पूर्णिया जिला : राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से नवंबर माह में पूर्णिया जिला को स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर है. स्वास्थ्य सेवाएं परिवार नियोजन, प्रतिरक्षण, जननी बाल सुरक्षा योजना, ओपीडी, आईपीडी, मलेरिया उन्मूलन, कुष्ठ उन्मूलन आदि सेवाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए पूर्णिया को यह गौरव प्राप्त हुआ है. विभाग को मिली इस सफलता से मनोबल ऊंचा हुआ है. उल्लेखनीय है कि जनवरी माह में पूर्णिया रैंकिंग में चौथे स्थान पर था. कटिहार दूसरे स्थान, किशनगंज 19 वें स्थान एवं अररिया 26 वें स्थान पर काबिज था.
स्वास्थ्य सेवाओं का यहां भी खस्ताहाल : जिले के श्री नगर, बी कोठी, महेंद्र पुर सहित कई पीएचसी एवं एपीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं तार तार हो रही है. इन पीएचसी की कमजोरी के कारण पूर्णिया सदर अस्पताल में सामान्य मरीजों की अतिरिक्त भीड़ लगती है. इन स्वास्थ्य केंद्रों पर विभाग की ओर से नकेल कसने की बात मरीज अक्सर करते हैं. किंतु विभागीय सुस्त रवैये के कारण जिला के क्रेडिट को ही ग्रहण लग रहा है.