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समय पर पर्यवेक्षण टिप्पणी नहीं देने से बढ़ रही लंबित कांडों की सूची : आइजी

पूर्णिया : लंबित कांडों के पर्यवेक्षण में घोर लापरवाही बरतनेवाले एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टर पर गाज गिरना लगभग तय है. निरीक्षण के दौरान दरभंगा प्रक्षेत्र के आइजी पंकज दराद ने जिले में लंबित पड़े कांडों की लंबी फेहरिस्त पर सख्त नाराजगी जतायी है. उन्होंने एेसे लापरवाह अफसरों पर विभागीय कार्रवाई करने के संकेत दिये हैं. […]

पूर्णिया : लंबित कांडों के पर्यवेक्षण में घोर लापरवाही बरतनेवाले एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टर पर गाज गिरना लगभग तय है. निरीक्षण के दौरान दरभंगा प्रक्षेत्र के आइजी पंकज दराद ने जिले में लंबित पड़े कांडों की लंबी फेहरिस्त पर सख्त नाराजगी जतायी है. उन्होंने एेसे लापरवाह अफसरों पर विभागीय कार्रवाई करने के संकेत दिये हैं.

उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टर के कामकाजों की समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान पाया गया कि केसों के पर्यवेक्षण में एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टर स्तर पर घोर लापरवाही बरती गयी है. जिस स्तर से केसों का निष्पादन किया जाना चाहिए उतना नहीं हो पाया है.
एसडीपीओ स्तर पर देखा गया है कि पिछले दो या तीन माह पूर्व घटित एसआर केसों के सुपरविजन रिपोर्ट अबतक नहीं लिखे गये हैं. इसी तरह नन एसआर केसों के सुपरविजन में इंस्पेक्टर स्तर पर काफी ढ़िलाई बरती गयी है. निरीक्षण के दौरान कुछ केस 2018 से सुपरविजन के कारण लंबित पाये गये जो घोर उपेक्षा माना जायेगा.
आइजी ने बताया कि इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को एक जिम्मेदारी यह भी दी गयी है कि वे हर माह अपने-अपने सर्किल के सभी थानों के कांडों का अनुसंधान पूर्ण कर कोर्ट से सार्टिफिकेट लें और इसकी रिपोर्ट एसपी को सौंपे. लेकिन वे इस जिम्मेदारी का भी अच्छे तरीके से निर्वाहन नहीं कर पाये. नतीजा यह हुआ कि लंबित केसों की संख्या में लगातार वृद्धि होती चली गयी. आइजी ने कहा कि लापरवाह इंस्पेक्टरों के कामकाजों का मूल्यांकन किया जा रहा हैं. कौन कबसे यहां पदस्थापित हैं. कितने केसों का निष्पादन कर रहे हैं.
हर माह यूडी का निष्पादन हो रहा है या नहीं वगैरह-वगैरह. उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के बाद विभागीय कार्रवाई तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि यह संभव है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान पुलिस अफसरों की अति व्यस्तता होने की वजह से भी लंबित केसों की संख्या में वृद्धि हुई हो फिर भी यह संख्या मानक से अधिक हैं. आइजी ने कहा कि आमतौर पर एक जिले में अगर हर माह सौ केस होते हैं तो तीन सौ केस लंबित होने चाहिए.
इससे अधिक नहीं होना चाहिए पर पूर्णिया जिले में एसआर केस(सीरियस केस) दस गुणा और नन एसआर केस (साधारण केस)पांच गुणा लंबित हैं जो अच्छी स्थिति नहीं मानी जायेगी. खासकर एसआर केस गंभीर प्रकृति के केस होते हैं. एेसे केसों का इतने बड़े पैमाने पर लंबित होना घोर लापरवाही का द्योतक है. आइजी ने सभी एसडीपीओ और इंस्पेक्टर को इसके लिए सख्त हिदायत दी गयी है.
कार्यालय का कामकाज संतोषप्रद: निरीक्षण के दौरान एसपी कार्यालय कक्ष का काम संतोषप्रद पाया गया. आइजी ने कहा कि एसपी कार्यालय में कई लीगल सेक्शन होते हैं. सभी के काम अलग-अलग होते हैं. पुलिस कर्मियों के सेवा-पुस्तिका अपडेट करना यह भी अनिवार्य काम है. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान कोई गंभीर त्रुटि नहीं पायी गयी.
ठीक दस बजे पहुंचे आइजी : आइजी ठीक दस बजे एसपी कार्यालय पहुंच गये. इससे पहले एसपी कार्यालय पहुंच गये थे. पूरा महकमा अभी उनके आने की तैयारी में जुटा ही था कि उसके पहले आइजी आ धमके. आइजी को देख पूरे महकमें में हड़कंप मचा गया. हड़बड़ी में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी नहीं दी जा सकी. बाद में जाने के समय उन्हें सलामी दी गयी.
एसपी करें थाने का औचक निरीक्षण, लें सुरक्षा व्यवस्था का जायजा : पूर्णिया. आइजी ने कहा है कि वे थानों का औचक निरीक्षण भी करेंगे ताकि थानों की व्यवस्था और बेहतर हो. काम समय पर हो और सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चले. उन्होंने कहा कि हर जिले के एसपी से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले के थानों का औचक निरीक्षण करें. निरीक्षण के दौरान यह देखें कि कि रात के समय ओडी अफसर ड्यूटी में तैनात रहते हैं या नहीं.
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अफसर कितने सचेत रहते हैं. स्टेशन डायरी की स्थिति क्या है. आमतौर पर स्टेशन डायरी एक घंटा से अधिक समय तक पेंडिंग नहीं होना चाहिए. थाना हाजत में लाये गये आसामी किसे केस के हैं. इलाके में रात्रि गश्ती ठीक ठंग से हो रही है या नहीं इसका ख्याल करें. इसी तरह सभी अनुमंडल के एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टरों को भी निर्देश दिया गया है.

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