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पूर्णिया में खुलेगा यक्ष्मा का नोडल केंद्र अब नहीं जाना होगा पटना व भागलपुर

खुशखबरी. अब लोगों की मुश्किलें होंगी कम, जल्द मिल जायेगा रिपोर्ट यह नोडल केंद्र पटना के बाद पूर्णिया में खोला जा रहा है. नोडल यक्ष्मा केंद्र में सीबी नेट मशीन भी लगायी गयी है. इस मशीन के जरिये यक्ष्मा की पूर्णिया में ही जांच होगी और यक्ष्मा की क्या और कैसी स्थिति है, उसका आसानी […]

खुशखबरी. अब लोगों की मुश्किलें होंगी कम, जल्द मिल जायेगा रिपोर्ट

यह नोडल केंद्र पटना के बाद पूर्णिया में खोला जा रहा है. नोडल यक्ष्मा केंद्र में सीबी नेट मशीन भी लगायी गयी है. इस मशीन के जरिये यक्ष्मा की पूर्णिया में ही जांच होगी और यक्ष्मा की क्या और कैसी स्थिति है, उसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा.
पूर्णिया : पूर्णिया में मेडिकल कॉलेज खुलने की तैयारी चल रही है. वहीं यक्ष्मा मरीजों की बेहतर इलाज के लिए अब यक्ष्मा का नोडल केंद्र खुलने की कवायद भी शुरू हो गयी है. मंगलवार को सिविल सर्जन कार्यालय में राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ राजेश ने प्रेसवार्ता में बताया कि अब तक जिले में यक्ष्मा के मरीजों का सिर्फ सामान्य उपचार ही होता था. अस्पताल में मरीज को भर्ती कर स्वास्थ्य उपचार करने की कोई अलग से वार्ड या सुविधा नहीं थी. यक्ष्मा मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पटना या अन्य शहरों में जाना पड़ता था, लेकिन अब राज्य सरकार ने पूर्णिया में ही नोडल कार्यालय खोलने की मंजूरी दे दी है जिससे अब मरीजों को परेशानी नहीं होगी.
2025 तक यक्ष्मा मुक्त होगा देश
डाॅ राजेश ने बताया कि यह नोडल केंद्र पटना के बाद पूर्णिया में खोला जा रहा है. उन्होंने बताया कि नोडल यक्ष्मा केंद्र में सीबी नेट मशीन भी लगाया गया है. इस मशीन के जरिये यक्ष्मा की पूर्णिया में ही जांच होगी और यक्ष्मा की क्या और कैसी स्थिति है, उसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा. अब तक पटना या भागलपुर में सैंपल भेज कर जांच कराया जाता था. जो अब स्थानीय स्तर पर संभव हो सकेगा. डाॅ राजेश ने बताया कि प्रत्येक एक लाख जनसंख्या में 217 लोगों को यक्ष्मा होती है, लेकिन जिले में सिर्फ 117 यक्ष्मा रोगी ही पाये गये हैं. इससे पता चलता है कि जिले में यक्ष्मा से पीड़ित लोगों की संख्या काफी कम है. डाॅ राजेश ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूरे देश को 2025 तक यक्ष्मा से मुक्त करने का लक्ष्य बनाया है और इस लक्ष्य के लिए राज्य सरकार काम कर रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा यक्ष्मा से पीड़ित रोगियों को सहायता राशि भी देने की रणनीति बनायी जा रही है. इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया है. कैबिनेट से प्रस्ताव स्वीकृत होते ही योजना को लागू कर दिया जायेगा. प्रेसवार्ता में डाॅ केएन सहाय, सिविल सर्जन डाॅ एमएम वसीम, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी एसके सिंह, यक्ष्मा रोग पदाधिकारी मो शब्बीर आदि उपस्थित थे.

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