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डेंगू के बाद चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू का भी खतरा बढ़ा

पूर्णिया : डेंगू के बाद चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू का भी खतरा मंडराने लगा है. इसका मौसम भी आ गया है. वैसे जिले में 14 डेंगू मरीजों की पहचान हो चुकी है, जिनका स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में इलाज चल रहा है. डेंगू मादा मच्छर से होता है जिसका रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग दिन […]

पूर्णिया : डेंगू के बाद चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू का भी खतरा मंडराने लगा है. इसका मौसम भी आ गया है. वैसे जिले में 14 डेंगू मरीजों की पहचान हो चुकी है, जिनका स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में इलाज चल रहा है. डेंगू मादा मच्छर से होता है जिसका रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग दिन रात मशक्कत कर रही है. वैसे स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह सभी डेंगू का मरीज बाहर बड़े महानगर शहरों से आया है.
यह कहना मुश्किल होगा कि डेंगू के मरीज बड़े शहरों से ही आया है या फिर जिले में ही डेंगू का असर है. वैसे जिले में अब तक चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू के मरीज नहीं मिले हैं, लेकिन जिस तरह से डेंगू अपना पैर पसारने लगा है, उस हिसाब से चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू भी पैर पसारने का खतरा मंडरा रहा है.
जिले के लाखों लोग अपने रोजगार के सिलसिले में जिले से बाहर देश के बड़े महानगर और शहरों में रोजी रोजगार में लगे हुए हैं. इन दिनों दशहरा के बाद दीपावली और छठ की तैयारी चल रही है. लोग पर्व त्योहार के अवसर पर अपने घर लौटने लगे हैं. साथ ही महानगर और बड़े शहरों में डेंगू, स्वाइन फ्लू और चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ गया है.
लोग इन बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं. जिसमें इन बीमारियों से जिले के कई लोग भी ग्रसित हैं और उन लोगों का घर वापस आने का क्रम जारी है. ऐसे में इन बीमारियों से ग्रसित लोगों का आकलन करना भी मुश्किल हो गया है. लोग बड़े शहरों से बीमारियों का सौगात ले कर आ रहे हैं. जिससे संक्रामक रोग से पीड़ित मरीज का पहचान करना मुश्किल है. वहीं पर्व में लोगों का आना हुजूम से स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती से कम नहीं है.
जिले के सरकारी अस्पतालों में सदर अस्पताल को ही सभी सुविधायुक्त अस्पताल माना जाता है. जिले का अन्य सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र का ताजा स्थिति क्या है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है.
लेकिन सभी सुविधा से लैस कहे जानेवाले सदर अस्पताल सिर्फ हवा फांक पर ही चल रहा है. सदर अस्पताल का स्थिति यह है कि यहां डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए ब्लड सेपरेटर का सुविधा उपलब्ध नहीं है.
यहां तक कि वर्तमान में देखे गये डेंगू मरीज का खून जांच के लिए सेंपल भागलपुर मेडिकल कॉलेज, पटना का सहारा लेना पड़ा. मरीज के लिए सुविधा के नाम पर सिर्फ दवा और सोने के लिए बेड सुविधा उपलब्ध है. डेंगू, चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू जांच के लिए अस्पताल में कोई सुविधा और संसाधन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मरीजों का जान हमेशा सकते में रहता है

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