पूर्णिया : जिले के कब्रिस्तानों में दफन किये शव के भी सौदागर यहां सक्रिय हैं, यह मंगलवार को स्पष्ट हो गया है. मुफस्सिल थाने के रजीगंज कब्रिस्तान से मंगलवार की देर शाम करीब आठ बजे कब्र को खोद कर तीन शवों को बाहर निकाल लिया गया और उसे बोरे में बंद कर ले जाने की कोशिश की गयी. लेकिन, ऐन मौके पर स्थानीय लोगों ने इन शव के सौदागरों की चोरी पकड़ ली और इस काम में संलग्न तीन लोगों को पकड़ने की कोशिश भी की. लेकिन, तीनों सौदागर फरार होने में सफल रहे. समाचार प्रेषण तक पुलिस घटनास्थल पर पहुंच चुकी थी और उक्त लोगों की खोजबीन आसपास के पटसन के खेतों में की जा रही थी.
दो माह पूर्व भी पांच शव गायब होने की बात आयी थी सामने
दो माह पहले इसी कब्रिस्तान में गड्ढा खोद कर पांच शव को गायब करने की बात सामने आयी थी, लेकिन तब प्रशासनिक स्तर पर इस मामले को खारिज कर दिया गया था. गौरतलब है कि यह कब्रिस्तान हिंदू धर्मावलंबियों का है. इस इलाके में हिंदू भी शव को दफनाते रहे हैं. इससे पहले भी पिछले वर्ष एमआइटी के पास स्थित कब्रिस्तान से शव चोरी होने की बात सामने आयी थी. लेकिन, उस वक्त भी प्रशासनिक स्तर पर इसकी लीपापोती कर दी गयी थी.
स्थानीय लोगों ने मामले को किया उजागर
शाम करीब 07:30 बजे इस कब्रिस्तान के रास्ते फसिया गांव के कुछ लोग बाजार से अपने गांव लौट रहे थे. इन लोगों ने कब्रिस्तान के बाहर तीन अजनबी लोगों को देखा, जो अपने पीठ पर बैग लिये हुए थे. उनकी गतिविधि और बातचीत की शैली संदिग्ध लग रही थी. उक्त लोग कुछ आगे चले गये और आधे घंटे के बाद शंका के समाधान के लिए जब वापस लौटे, तो तीनों व्यक्ति गायब थे और कब्रिस्तान में आहट हो रही थी. उन लोगों ने हिम्मत कर कब्रिस्तान के अंदर प्रवेश किया, तो देखा कि तीनों व्यक्ति गड्ढा खोद कर कुछ शव को बाहर निकाल चुके थे और उसे बोरे में बंद कर रहे थे. इन लोगों ने तीनों को पकड़ भी लिया, लेकिन अंतत: उठापटक के बाद तीनों भागने में सफल रहे.
शव के साथ कई प्रकार के औजार हुए बरामद
शव के सौदागर तीन शव को बाहर निकालने में सफल रहे थे. चौथे कब्र की खुदाई जारी थी. तीनों व्यक्ति के भागने के बाद उस स्थान पर विभिन्न प्रकार के औजार पाये गये. इसमें कुदाल और चाकू के अलावा अन्य कई छोटे-छोटे हथियार भी शामिल हैं. इसके अलावा कब्रिस्तान से बिस्कुट, पानी की बोतल और शराब की बोतल भी बरामद हुई है. इसके अलावा रोशनी के साधन भी पाये गये हैं. शव को बंद करने के लिए हरे और लाल रंग की प्लास्टिक तथा बोरे भी बरामद किये गये हैं. शव तस्करों का पहना हुआ कपड़ा भी छूट गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तीनों व्यक्ति गंजी और जंघिया में थे. जबकि, उसके सिर में टॉर्च जैसी रोशनी देनेवाला उपकरण बंधा हुआ था.
मेडिकल की पढ़ाई के लिए तस्करी की संभावना
घटनास्थल से दो कागजात बरामद हुए हैं, जो इस बात को इंगित करते हैं कि शव की चोरी का उद्देश्य उसकी हड्डी को बेचना रहा होगा. एक कागजात में रामकृष्ण स्टोर लिखा हुआ है, जो संभवत: मानवीय हड्डी और उससे जुड़े अन्य चीजों का एक्सपोर्टर है. यह स्टोर कोलकाता में स्थित है. दूसरा कागज जो बरामद हुआ है, उस पर मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट यूनियन लिखा हुआ है. इस कागज पर किसी मेवालाल मल्लिक के पक्ष में प्रमाणित किया गया है कि वे मेडिकल कॉलेज में एकेडमिक एक्टिविडीज में हड्डी की आपूर्ति करते हैं और यह एनाटोमी के अध्ययन में सहायक होता है. हालांकि, यह कागज वर्ष 2006 का ही है. जानकार बताते हैं कि हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. जहां एनाटोमी विभाग में मानव शरीर की हड्डियों की जरूरत होती है. इसके अलावा मेडिकल के छात्र भी व्यक्तिगत तौर पर मानव शरीर के हड्डियों के खरीदार होते हैं, जो उनके अध्ययन में सहायक साबित होता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
कब्रिस्तान से शव बाहर निकाले जाने की सूचना मिली है. थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंच कर जांच-पड़ताल कर रहे हैं. प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि हड्डियों को बेचने के उद्देश्य से लाश को बाहर निकाला गया है. आगे जांचोपरांत मामला स्पष्ट हो सकेगा.
राजकुमार साह, एसडीपीओ, पूर्णिया सदर