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चौकस रहा जिला प्रशासन तो फिलहाल डूबने से बचा शहर

बाढ़ . कप्तानपाड़ा के पास आनन-फानन में चला कटाव निरोधी कार्य दो दिनों से शहर के सौरा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने से आसपास के निचले इलाकों में नदी का पानी फैल जाने से कई वार्डों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. गुरुवार को कटाव शुरू हो जाने से अफरा-तफरी मच गयी. लोग सौरा […]

बाढ़ . कप्तानपाड़ा के पास आनन-फानन में चला कटाव निरोधी कार्य

दो दिनों से शहर के सौरा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने से आसपास के निचले इलाकों में नदी का पानी फैल जाने से कई वार्डों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. गुरुवार को कटाव शुरू हो जाने से अफरा-तफरी मच गयी. लोग सौरा नदी की तरफ दौड़ पड़े. संभावित बाढ़ को देख आशंकित रहे. हालांकि सूचना पर प्रशासन पहुंचा और युद्धस्तर पर कटाव रोधी कार्य शुरू कर कटाव रोका. कटाव रुकने से फिलहाल शहर डूबने से बच गया.
पूर्णिया : बाढ़ के पानी ने शहर के कप्तानपाड़ा स्थित सौरा नदी के पश्चिमी स्पर को अपने जद में लेकर कटाव शुरू कर दिया था. समय की घड़ी करीब 02:30 बजी थी. अचानक शहर में हलचल तेज हो गयी. सबकी सांसें थमने लगी थी. हर एक शख्स सौरा नदी के तरफ अपना मंजिल बना लिया था. सबके जुबान लड़खड़ा रहे थे कि अब क्या होगा? लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी और स्थानीय लोगों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के तत्परता ने शहर के लाखों लोगों की थमी सांसों की रफ्तार लौटा दी. दरअसल बीते दो दिनों से शहर के सौरा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने से आसपास के निचले इलाकों में नदी का पानी फैल जाने से कई वार्डों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.
गुरुवार को दोपहर करीब 02:30 बजे अचानक कप्तानपुल स्थित काली मंदिर और शवदाह गृह के निकट सौरा नदी का कटाव तेजी से प्रारंभ हो गया. मौके पर मौजूद लोगों ने प्रशासन को इत्तिलाह किया और महज चंद मिनटों में ही प्रशासनिक अमला कप्तानपाड़ा स्थित कटाव स्थल पर पहुंच गया. मौके पर पहुंचे सदर एसडीएम रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह, एसडीपीओ राजकुमार साह, सदर थाना प्रभारी अवधेश कुमार, एसआइ वरुण कुमार, विपिन कुमार, एएसआई टीएन सिंह ने फौरन स्थानीय लोगों के सहयोग से कटाव को रोकने का प्रयास प्रारंभ कर स्पर को कटने से बचाया. हालांकि महज कुछ देर में ही कटाव स्थल पर डीएम प्रदीप कुमार झा,
एसपी निशांत कुमार तिवारी, सांसद संतोष कुशवाहा, सदर विधायक सदर विधायक, जदयू नेता जितेंद्र यादव, जिला परिषद उपाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह सहित शहर के लोगों की भारी भीड़ कप्तानपाड़ा पहुंच गयी थी. सबकी निगाहें कटाव स्थल पर थी और जुबां पर ऊपर वाले का नाम दिल से प्रशासन को दुआएं दे रहे थे.
मच गयी थी अफरा-तफरी : दिन के 02:30 बजे थे. कप्तानपाड़ा स्थित नदी पुल पर पानी का रफ्तार देखने और जलस्तर के घटने-बढ़ने की जानकारी लेने वालों की बड़ी भीड़ पुल के आसपास खड़ी थी. कुछ नेता, कुछ सामाजिक कार्यकर्ता तो ज्यादातर शहर के वैसे लोग जो शहर में बाढ़ आने के फिक्र में चिंतित थे और हालात भांपने कप्तानपुल के पास पहुंचे थे. जैसे ही पश्चिमी स्पर पर पानी का दबाव बना और मिट्टी कटनी शुरू हुई, हर तरफ अफरा-तफरी मच गयी. सोशल मीडिया पर तसवीरें वायरल होने लगी और समूचा शहर सौरा नदी के तरफ चल पड़ा. हजारों की भीड़ और प्रशासनिक अमला सबकी धड़कनें तेज थी, मगर राहत भी जल्द ही मिल गयी.
पुल के पाये में फंसा था वृक्ष : दरअसल मौके पर जो हालात थे, वह पानी के रफ्तार की भयावह कहानी बयां कर रहा था. जिस जगह कटाव शुरू हुआ था, वहां नदी का पानी तीव्र गति से नाच रहा था. मौके पर उपस्थित लोगों के मुताबिक कप्तानपुल के पाये में नदी में बह कर आये वृक्ष के फंसने के कारण पानी का बहाव स्तर के तरफ मुड़ा था और कटाव की स्थिति पैदा हुई थी. पुल के पाये में फंसे वृक्ष को नगर निगम के कैलाश सिंह और अन्य कर्मियों के मशक्कत से हटाने के उपरांत जल प्रवाह सीधा दुआ और कटाव कम होने से राहत मिली.
शवदाह गृह पर कटाव का खतरा
सौरा नदी के जलस्तर में वृद्धि से करोड़ों की लागत से बन कर बेजार पड़े पूर्वी छोड़ का शवदाह गृह तो पहले ही नदी में विलीन हो चला था. गुरुवार को मारवाड़ी युवा मंच और लियो क्लब के द्वारा संवारा गया पश्चिमी छोड़ पर अवस्थित शवदाह गृह भी कटाव की जद में आ गया है. पानी के कटाव से शवदाह गृह का पिछला हिस्सा टूट कर नदी में समा गया. वहीं इस कटाव को रोकने की कोशिश शुरू हो गयी है. बावजूद इसके इस शवदाह गृह पर कटाव का खतरा बना हुआ है.
कटाव से भय के बीच जलीं चिताएं
कप्तानपाड़ा स्थित सौरा नदी पर कटाव का आलम यह था कि शव का अंत्येष्टि जलाने वालों की धड़कनों की आवाज उनके चेहरे से सुनाई पड़ रही थी. मंजर भय का था. एक तरफ शवदाह गृह में चिता जल रही थी तो दूसरी तरफ नदी का कटाव तेज था. अंत्येष्टी आधी जली ही थी कि कटाव के जद में शवदाह गृह का पिछला हिस्सा आ गया और देखते-देखते नदी में समा गया. सभी सन्न थे. न तो जलती चिता छोड़ना था और न कटाव थम रहा था. प्रशासनिक मेहनत रंग लायी और कटाव थमा , चिता भी जली.
पूर्णिया. वैसे तो नदी के जलस्तर की जानकारी और कटाव, रिसाव की जानकारी लेने हेतु बीते तीन-चार दिनों से कप्तानपुल के पास सुबह से देर रात तक सैकड़ों की भीड़ जमा रहती है. इस भीड़ में महिला, पुरुष, युवक, युवती और राहगीर भी होते हैं, लेकिन गुरुवार की स्थिति अलग थी. सोशल मीडिया पर कटाव की तसवीर वायरल होते ही पूर्णिया शहर का सभी रास्ता कप्तानपाड़ा की तरफ मुड़ गया था. भारी भीड़ के कारण सड़क जाम था. पुलिस वाले भीड़ को हटाने में जुटे रहे. वहीं कटाव का हाल जानने वालों के कप्तानपुल तक आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था.

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