उफ ये गरमी. ऊमस बढ़ी, सबकी जुबान यही पूछ रही कैसे कटेंगे 15 दिन
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आषाढ़ में कुम्हला रहा मिनी दार्जीलिंग
उफ ये गरमी. ऊमस बढ़ी, सबकी जुबान यही पूछ रही कैसे कटेंगे 15 दिन पूर्णिया : अभी आधा आषाढ़ ही बीता है. इतने में ही मिनी दार्जिलिंग कुम्हला गया है. ऊमसभरी गरमी से लोग बेहाल हैं. सबकी जुबान पर यही है कि और 15 दिन कैसे कटेगा. शनिवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे सूरज […]
पूर्णिया : अभी आधा आषाढ़ ही बीता है. इतने में ही मिनी दार्जिलिंग कुम्हला गया है. ऊमसभरी गरमी से लोग बेहाल हैं. सबकी जुबान पर यही है कि और 15 दिन कैसे कटेगा. शनिवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे सूरज के तेवर भी कड़े होते गये. दोपहर में पारा 37 डिग्री पर पहुंच गया. मौसम विभाग का पूर्वानुमान यह है कि अगले दो दिनों तक मौसम में नरमी आने की गुंजाइश कम है. तापमान 37 डिग्री के आसपास ही रहने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार, इस ऊमसभरी गरमी के लिए स्थानीय कारक जिम्मेवार हैं. मॉनसून की शुरुआत में अभी हफ्तेभर का वक्त बाकी है. तबतक मौसम कमोबेश ऐसा ही रहेगा.
दोपहर में सड़कों पर पसर गया सन्नाटा : मौसम के कड़े तेवर के कारण दोपहर होने से पहले ही लोग बेचैन हो गये. दोपहर होते-होते अधिकांश लोग अपने-अपने काम निबटा कर घरों में दुबक गये. बाजारों की भी कमोबेश यही स्थिति रही. ग्राहकों के अभाव में दोपहर में कई दुकानों के शटर गिर गये. व्यवसायियों ने बताया कि पिछले कई दिनों से इतनी गरमी पड़ रही है कि दोपहर का धंधा ही मार खा रहा है.
मौसमी फलों के दाम में भी लगी है आग : आषाढ़ के महीने में शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिये डॉक्टर मौसमी फलों के सेवन की सलाह देते हैं. हालांकि आषाढ़ क्या शुरू हुआ कि मौसमी फलों की कीमतों में भी आग लग गयी. खुदरा बाजार में आम 40 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि लीची डेढ़ सौ रुपये सैकड़ा मिल रही है. अन्य फलों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. कोल्ड ड्रिंक्स की दुकानों में बिजली खर्च का हवाला देकर एक लीटर कोल्ड ड्रिंक्स पर पांच रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है.
आषाढ़ में रही-सही कसर बिजली ने पूरी की : आषाढ़ में मौसम ने लोगों को बेहाल कर दिया. बची-खुची कसर बिजली रानी पूरा कर रही है. शहर के कई हिस्सों में बिजली की लुकाछिपी चल रही है. मधुबनी क्षेत्र में दिनभर में कई बार बिजली कटती है. जबकि खुश्कीबाग के इलाके में बिजली काफी देर गुल रहती है. इसे देखते हुए बिजली आने पर घर-घर में लोग मोटर से पानी भर लेने को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि बिजली कटने पर उन्हें पानी के लिए तरसना नहीं पड़ जाये.
वैशाख का बदला ले रहा आषाढ़ वैशाख में तापमान रहा था 30 के करीब
मौसम की बेरुखी को देखकर लोग कह रहे हैं कि वैशाख का बदला आषाढ़ ले रहा है. वैशाख में सीमांचल में ठंडी बयार का आलम रहा. तापमान 30 डिग्री के आसपास ही रहा. जबकि बिहार के अन्य हिस्सों में तापमान 40 डिग्री पार कर गया था. उस वक्त लोग अपने रिश्तेदारों को पूर्णिया आने का न्योता दे रहे थे. हालांकि जब से आषाढ़ शुरू हुआ कि मौसम का मिजाज ही बदल गया. बीच में अगर बारिश भी हुई तो उसकी ठंडक ज्यादा देर नहीं टिक पायी. आषाढ़ में अबतक तापमान 35 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया जा रहा है जो वैशाख की तुलना में पांच डिग्री ज्यादा है.
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