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बिहार में रेमडेसिविर का लेबल लगा बेच दिया स्टासेफ इंजेक्शन, सरगना पकड़ाया, ठगी करनेवाले 15 गये जेल

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बना कर बेचने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है. यह गिरोह 90 रुपये (नेपाली) के एंटीबायोटिक इंजेक्शन ‘स्टासेफ’ में रेमडेसिविर का लेबल लगा कर सात से 25 हजार रुपये में बेच रहा है.

जोगबनी (अररिया). नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बना कर बेचने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है. यह गिरोह 90 रुपये (नेपाली) के एंटीबायोटिक इंजेक्शन ‘स्टासेफ’ में रेमडेसिविर का लेबल लगा कर सात से 25 हजार रुपये में बेच रहा है. जिला पुलिस, विरोटनगर की विशेष शाखा के अधिकारियों ने दवा दुकान के संचालक सोनू आलम व उसके सहयोगी श्रवण यादव को गिरफ्तार किया है.

इन लोगों के पास से स्टॉक में रखे गये नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किये गये हैं. स्टासेफ व रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी का एक ही साइज होने का फायदा धंधेबाज उठा रहे हैं. गिरफ्तार दवा दुकानदार आलम ने बताया कि स्टासेफ इंजेक्शन खरीद कर उस पर रेमडेसिविर का लेबल लगा देता था. जानकारी के अनुसार, कुछ माफिया बथनाहा में बैठे हैं. इनके माध्यम से नकली रेमडेसिविर को अस्पताल में सप्लाइ किया जाता है.

लोगों से ठगी करने वाले 15 गिरफ्तार

इधर राज्य में कोरोना संक्रमण के बीच साइबर अपराधियों ने मदद करने के नाम पर ठगी का बड़ा जाल फैला रखा है. ये अपराधी लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया कराने के नाम पर ठगी कर रहे थे. इनका गिरोह पटना, नालंदा, शेखपुरा और नवादा तक फैला हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की विशेष टीम ने विशेष छापेमारी अभियान चलाकर ऐसे 15 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनमें पटना से तीन, नालंदा से पांच और नवादा से सात को पकड़ा गया, जबकि शेखपुरा के अपराधियों की तलाश जारी है. जल्द ही इनकी भी गिरफ्तारी होने की संभावना है.

इओयू को राज्य में ऑक्सीजन सिलिंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराने के नाम पर दर्जनों लोगों से पैसे ठगने की शिकायत मिली. इनके कई संदिग्ध मोबाइल नंबरों की सघन जांच करने के बाद इन तक इओयू की टीम पहुंच पायी है. पटना में जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें रैनबो हॉस्पिटल का निदेशक अशफाक अहमद, उसका साला अल्ताफ अहमद और एक निजी कंपनी का मेडिकल रेप्रेजेंटेटिव राजू कुमार शामिल हैं. इन पर गांधी मैदान थाने में एफआइआर भी दर्ज की गयी है. इनके पास से दो वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किया गया है.

अशफाक अहमद मूल रूप से पश्चिम चंपारण का रहने वाला है. पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित साकेत टॉवर में वह रहता है, जबकि उसका साला अल्ताफ अहमद दरभंगा और राजू कुमार वैशाली जिले के पिरापुर गांव का रहने वाला है. नालंदा से जिन पांच अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है, वे सभी कतरीसराय थाने के कोयरीबिगहा गांव के रहने वाले हैं. इनमें गुड्डु चौधरी, राममोहित चौधरी, भोला मांझी, प्रमोद कुमार और बिरू प्रसाद शामिल हैं.

नवादा से जिनकी गिरफ्तारी हुई है. वे सभी वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. इनमें युगल कुमार, धर्मेंद्र कुमार, नीतीश कुमार, अमित कुमार, विकास कुमार, धनंजय कुमार और नीरज मालाकार शामिल हैं. नालंदा, शेखपुरा और नवादा में छापेमारी इओयू के एएसपी विश्वजीत दयाल और पटना में छापेमारी डीएसपी भास्कर रंजन के नेतृत्व में की गयी है. फिलहाल इस रैकेट से जुड़े अन्य सभी अपराधियों की तलाश जारी है.

Posted by Ashish Jha

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