19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए सीनियर इंजीनियर को सात महीने बाद वापस मिले एक लाख रुपये

आये दिन ऑनलाइन ठगी के मामले आते हैं, लेकिन अधिकांश मामले में पैसे की रिकवरी नहीं हो पाती. लेकिन, ठगी का शिकार हुए कंकड़बाग, लोहिया नगर स्थित एमआइजी फ्लैट निवासी सौरभ कुमार गुप्ता ने खुद के बल पर एक लाख रुपये वापस कराये. सौरभ पेशे से एक कंपनी में सीनियर इंजीनियर हैं और पिछले 13 साल से दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं.

पटना : आये दिन ऑनलाइन ठगी के मामले आते हैं, लेकिन अधिकांश मामले में पैसे की रिकवरी नहीं हो पाती. लेकिन, ठगी का शिकार हुए कंकड़बाग, लोहिया नगर स्थित एमआइजी फ्लैट निवासी सौरभ कुमार गुप्ता ने खुद के बल पर एक लाख रुपये वापस कराये. सौरभ पेशे से एक कंपनी में सीनियर इंजीनियर हैं और पिछले 13 साल से दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं.

ठगों ने महावीर मंदिर का संस्थापक बता कर उनसे एटीएम का नंबर पूछ कर खाते से एक लाख रुपये निकाल लिये थे. प्रभात खबर ने एक नवंबर, 2019 को पेज नंबर छह पर इससे संबंधित खबर भी प्रकाशित की थी.सात महीने पहले अकाउंट से निकाली थी राशिनवंबर, 2019 में सौरभ के पिता जी स्व संतोष कुमार की चौथी पुण्यतिथि पर पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर के पास रहने वाले करीब 100 गरीब लोगों को खाना खिलाना था. इसके लिए उन्होंने महावीर मंदिर की वेबसाइट पर दिये नंबर 8327677369 पर फोन किया, तो उधर से राकेश नाम के साइबर ठग ने खुद को महावीर मंदिर का संस्थापक बताया और दरिद्र नारायण भोज कराने का चार हजार रुपया शुल्क बताया. ठग ने महज 500 रुपया सिक्योरिटी मनी जमा करने को कह ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए एटीएम कार्ड नंबर पूछा और एक लाख रुपये सौरभ के सिटी बैंक के खाते से निकाल लिये.

संदेह होने पर युवक ने कंकड़बाग थाने में राकेश कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी थी. पुलिस के स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई, तो खुद हुए सक्रियथाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस और सिटी बैंक की ओर से जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो सौरभ खुद सक्रिय हुए. उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने अपनी वेबसाइट पर शिकायत प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) शुरू की है. इस पोर्टल के जरिये आप बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) सहित सभी ऑनलाइन साइबर ठगों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आइबीआइ के सर्कुलर के अनुसार ऑनलाइन शिकायत पत्र लिखते हुए अपने सिटी बैंक के खाते की इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन यानी लेनदेन की रिपोर्ट को जमा किया. रिजर्व बैंक की ओर से बनाये गये बोर्ड के सदस्यों ने केस सही पाया. इसके करीब सात महीने बाद 21 मई, 2020 को सौरभ के ही खाते में ठगी के एक लाख रुपये वापस कर दिये गये. हालांकि साइबर ठग कौन है? इसकी जानकारी फिलहाल नहीं मिल पायी है. लेकिन बताया जा रहा है कि अगर पुलिस इस मामले में कार्रवाई करे, तो असली ठग गिरफ्तार हो जायेगा.

इस तरह से बैंक से वापस पा सकते हैं ठगी के पैसे

  • – जिस बैंक खाते से रुपये गायब हुए हैं, पहले उस बैंक के हेड क्वार्टर को ऑनलाइन शिकायत करें- अगर आपके बैंक की ओर से एक महीने के अंदर जवाब नहीं मिलता है या जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो तुरंत भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल सेवा को ऑनलाइन शिकायत करें

  • – बैंकिंग लोकपाल को www.bankingombudsman.rbi.org.in पर ऑनलाइन अथवा इ मेल भेजकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं

  • – बैंकिंग लोकपाल में शिकायत के दौरान आपको अपने बैंक का नाम, शाखा का नाम और शिकायतकर्ता का नाम व रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भरना होगा

  • – बैंकिंग लोकपाल के आवश्यक विवरण के साथ फॉर्म भरने के बाद सहेजें पर क्लिक करते हुए आवेदन भेज दें.

  • – 30 दिन के अंदर बैंकिंग लोकपाल आपकी समस्या का समाधान करेगा- सेविंग्स बैंक अकाउंट, करेंट अकाउंट, ओवर ड्राफ्ट अकाउंट और 5 लाख से ज्यादा की लिमिट के क्रेडिट कार्ड आदि ग्राहक बैंकिंग लोकपाल सेवा को शिकायत कर सकते हैं.

आप भी रहें सतर्क

आइजी रेंज संजय सिंह ने बताया कि बैंक खाताधारकों को ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए किसी भी आनजान फोन काल्स, जिसमें कोई इनाम की राशि का प्रलोभन दे उनका जवाब नहीं दे. साथ ही गुगल सर्च में मिलते जुलते नाम व नंबर पर अलर्ट रहें. नंबर उसी अधिकारी का है या नहीं यह आप खुद पास के संबंधित कार्यालय में जाकर जांच लें. फोन पर बैंक अधिकारी के नाम से आधार लिंक, अथवा एटीएम कार्ड बंद होने की बात कह कर जानकारी मांगने पर अपना खाता व एटीएम कार्ड की जानकारी नहीं दें. अगर इस तरह के मामले में ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत संबंधित बैंक शाखा में आवेदन दें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें